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________________ ज्ञानोदय इतिहास पुरस्कार श्रीमती शांतिदेवी रतनलालजी बोबरा की स्मृति में श्री सूरजमलजी बोबरा, इन्दौर द्वारा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के माध्यम से ज्ञानोदय पुरस्कार की स्थापना 1998 में की गई है। यह सर्वविदित तथ्य है कि दर्शन एवं साहित्य की अपेक्षा इतिहास एवं पुरातत्त्व के क्षेत्र में मौलिक शोध की मात्रा अल्प रहती है। फलतः यह पुरस्कार जैन इतिहास के क्षेत्र में मौलिक शोध को समर्पित किया गया है। इसके अन्तर्गत पुरस्कार राशि में वृद्धि करते हुए वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष जैन इतिहास के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र / पुस्तक प्रस्तुत करने वाले विद्वान् को रुपये 11000/- की नगद राशि, शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जायेगा । वर्ष 1998 का पुरस्कार रामकथा संग्रहालय, फैजाबाद के पूर्व निदेशक डॉ. शैलेन्द्र रस्तोगी को उनकी कृति 'जैन धर्म कला प्राण ऋषभदेव और उनके अभिलेखीय साक्ष्य' पर 29.3.2000 को समर्पित किया गया। 74 वर्ष 1999 का पुरस्कार प्रो. हम्पा नागराजैय्या (Prof. Hampa Nagarajaiyah) को उनकी कृति 'A History of the Rastrakutas of Malkhed and Jainism पर प्रदान किया गया। वर्ष 2000 हेतु वांछित संख्या एवं स्तर के प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण इस वर्ष का पुरस्कार रद्द कर दिया गया। वर्ष 2001 से चयन की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा रहा है। अब कोई भी व्यक्ति पुरस्कार हेतु किसी लेख या पुस्तक के लेखक के नाम का प्रस्ताव सामग्री सहित प्रेषित कर सकता है। चयनित कृति के लेखक को अब रु. 11000/- की राशि, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति प्रदान की जायेगी । सात 0.00 चयनित कृति के प्रस्तावक को भी रु. 1000/- की राशि से सम्मानित किया जायेगा। वर्ष 2001 के पुरस्कार हेतु प्रस्ताव सादे कागज पर एवं सम्बद्ध कृति / आलेख के लेखक तथा प्रस्तावक के सम्पर्क के पते, फोन नं. सहित 31 दिसम्बर 2001 तक कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001 के पते पर प्राप्त हो जाना चाहिये । लाई जैन विद्याओं के अध्ययन / अनुसंधान में रुचि रखने वाले सभी विद्वानों / समाजसेवियों से आग्रह है कि वे विगत 5 वर्षों में प्रकाश में आये जैन इतिहास / पुरातत्त्व विषयक मौलिक शोध कार्यों के संकलन, मूल्यांकन एवं सम्मानित करने में हमें अपना सहयोग प्रदान करें। देवकुमारसिंह कासलीवाल Jain Education International अध्यक्ष कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर For Private & Personal Use Only डॉ. अनुपम जैन मानद सचिव अर्हत् वचन, अप्रैल 2001 www.jainelibrary.org
SR No.526550
Book TitleArhat Vachan 2001 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2001
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size14 MB
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