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________________ गतिविधियाँ अखिल भारतीय निबन्ध प्रतियोगिता के प्रान्तीय परिणाम घोषित परम पूज्य, गणिनीप्रमुख, आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से मनाये जा रहे भगवान ऋषभदेव अन्तरष्ट्रिीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष में तीर्थकर ऋषभदेव जैन विद्वत महासंघ द्वारा 'भगवान ऋषभदेव का भारतीय संस्कृति को योगदान' विषय पर आयोजित अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता के दो प्रान्तों के परिणाम घोषित किये गये हैं - 1- मध्यप्रदेश - प्रदेश में कुल 69 निबंध प्राप्त हुए। इनके परीक्षण हेतु प्रांतीय संयोजक द्वारा गठित त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल से प्राप्त अंकों के आधार पर मध्यप्रदेश की प्रांतीय संयोजक डॉ. (श्रीमती) वन्दना जैन, सहायक प्राध्यापक- हिन्दी विभाग, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आगर - मालवा (जिला शाजापुर) द्वारा प्रेषित परिणाम निम्नानुसार है - प्रथम पुरस्कार - I. कु. आभा जैन, एम.ए. (पूर्वार्द्ध), महाराजा कालेज, छतरपुर। II. श्री सत्यम श्रीवास्तव, बी.ए. (द्वितीय वर्ष), महाराजा कालेज, छतरपुर। द्वितीय पुरस्कार - I. श्री हेमन्त बिलैया, कक्षा 12वीं (जीव विज्ञान), शासकीय उ.मा. विद्यालय क्रमांक 1, छतरपुर। ___II. श्री अनूप तिवारी, कक्षा 12वीं (गणित समूह), शासकीय उ.मा. विद्यालय क्रमांक 1, छतरपुर। तृतीय पुरस्कार - I. कु. श्वेता रानी जैन, कक्षा 12वीं, शासकीय कन्या उ.मा. विद्यालय, आगर - मालवा (जिला शाजापुर)। II. कु. ऋचा जैन, कक्षा 6ठी. श्री महावीर बाल संस्कार केन्द्र, बड़ा मल्हरा (जिला छतरपुर)। 2- राजस्थान - प्रदेश में कुल 43 निबंध प्राप्त हुए। इनके परीक्षण हेतु प्रांतीय संयोजक द्वारा गठित त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल से प्राप्त अंकों के आधार पर राजस्थान के प्रांतीय संयोजक डॉ. सुरेन्द्रकुमार जैन, संस्कृताध्यापक, श्री महावीर उ.मा. विद्यालय, लाडनूं (जिला नागौर) द्वारा प्रेषित परिणाम निम्नानुसार प्रथम पुरस्कार - कुमार अनेकान्त जैन, शोध छात्र, जैन विश्वभारती, लाडनूं। द्वितीय पुरस्कार - कु. मेरी जैन, सरावगी मोहल्ला, लाडनूं। तृतीय पुरस्कार - कु. शालू जैन, नया बास (घोडेला मार्ग), सुजानगढ़ (जिला चुरु)। 3- दक्षिण भारत - दक्षिण भारत से प्राप्त निबंधों का मूल्यांकन केन्द्रीय संयोजक श्री जयसेन जैन, सम्पादक - सन्मति वाणी द्वारा किया गया। कम प्रविष्टियाँ आने के कारण मात्र एक सांत्वना पुरस्कार ही घोषित किया गया। तदनुसार प्रदत्त निर्णय निम्नानुसार है - विशेष सांत्वना पुरस्कार - श्री प्रवीणकुमार जैन, बी.ई. (द्वितीय वर्ष), 120 जैन स्ट्रीट, पेरिया कोराटई विल, किलनमंडी पोस्ट, वन्दावासी तालुका, टी.वी. हलाल डिस्ट्रिक्ट, तमिलनाड-604501. उक्त घोषित प्रतियोगियों को 8 जुलाई 2001 को अशोक विहार फेज-1, दिल्ली में पुरस्कार समर्पण समारोह आयोजित कर पुरस्कृत किया जायेगा। साथ ही उन समस्त प्रतियोगियों को भी सांत्वना पुरस्कार के रूप में कुछ उपयोगी साहित्य प्रेषित किया जायेगा जिन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर निर्धारित समयावधि में अपने निबंध प्रांतीय संयोजकों को प्रेषित किये हैं। केवल 2 प्रान्तों से ही निर्धारित संख्या में प्रविष्टियाँ प्राप्त होने के कारण केन्द्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता निरस्त कर दी गई। - डॉ. अनुपम जैन, महामंत्री - विद्वत् महासंघ अर्हत् वचन, अप्रैल 2001 107 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526550
Book TitleArhat Vachan 2001 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2001
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size14 MB
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