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________________ 2600 वाँ जन्मजयन्ती वर्ष भगवान महावीर की अहिंसा एवं शाकाहार से ही शांति संभव है - डॉ. भवालकर सेन्टर फार एडवांस्ड टेक्नॉलाजी (कैट), इन्दौर के निदेशक विश्वविख्यात लेजर वैज्ञानिक प्रो. डी डी. भवालकर ने भगवान महावीर के 2600 वें जन्मजयंती वर्ष में जैन युवा परिषद - कैट द्वारा आयोजित आहार - विज्ञान संगोष्ठी (28.4.2001) की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 'आज जमीन का बहुभाग एवं पानी पशुआहार के उत्पादन में खर्च हो रहा है और यह पशुआहार मांस के उत्पादन हेतु पशुओं के खिलाने में प्रयुक्त होता है। इस कारण आज विश्व के अनेक भागों में भुखमरी और जलाभाव पैदा हो रहा है। यदि हम सब शाकाहार अपना लें, तो विश्व में मानवता हेतु प्रचुर मात्रा में अन्न एवं जल उपलब्ध हो जायेगा। समारोह में दीप प्रज्ज्वलित करते हुए डॉ. भवालकर मास उत्पादन हेतु जंगल नष्ट किये जा रहे हैं एवं जंगलों का घटता क्षेत्रफल ही पर्यावरण प्रदूषण एवं जलसंकट का कारण है। हम सबको इस पुनीत अवसर पर 6 माह या 1 वर्ष के लिये हमें शाकाहारी बनने का संकल्प लेना चाहिये एवं इस 1 वर्ष के अनुभव के आधार पर भविष्य में अवश्य ही शाकाहारी बन जायेंगे। डॉ. भवालकर ने अपने जीवन के अनुभवों को सुनाते हुए जैन परिषद को ऐसे सुन्दर आयोजन हेतु बधाई दी एवं आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी ऐसे सुन्दर आयोजन होते रहेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री बाबूलालजी पाटोदी ने शाकाहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन में शाकाहार अपनाने की प्रेरणा दी एवं कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का विकास शाकाहार के माध्यम से ही संभव है। कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए भगवान महावीर 2600 वाँ जन्मजयंती महोत्सव प्रान्तीय समिति के संयुक्त महामंत्री एवं गणित के प्राध्यापक डॉ. अनुपम जैन ने भगवान महावीर के जीवन और सिद्धान्तों की चर्चा की। उन्होंने अहिंसा की आधुनिक युग में आवश्यकता, उपादेयता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्व की ज्वलंत समस्याओं - पर्यावरण प्रदूषण, आतंकवाद, शोषण, एड्स आदि के समाधान हेतु भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित जीवन शैली को अपनाने पर जोर दिया और कहा कि भगवान महावीर के सिद्धान्तों को अपनाकर ही मानवता इन समस्याओं से मुक्ति पा सकती है। प्रख्यात शाकाहार विद्वान् डॉ. नेमीचन्द जैन ने आहार विज्ञान पर प्रभावी प्रस्तुति दी तथा दि. जैन समाज इन्दौर के महामंत्री इंजी. श्री कैलाश वेद ने 2600 वीं जन्म जयंती मनाने की सार्थकता प्रतिपादित की। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन युवा सामाजिक कायकर्ता श्री निकेतन सेठी ने किया एवं मंगलाचरण श्रीमती वीणा जैन, प्रेमा वेद एवं दिग, जैन महिला संगठन, इन्दौर की बहनों ने किया। इइ अवसर पर अ. भा. दि. जैन महिला संगठन की महामंत्री श्रीमती सुमन जैन ने शाकाहार पर एक सुन्दर एवं मनमोहक प्रदर्शनी लगाई जिसकी उपस्थित जनसमुदाय ने भूरि - भूरि प्रशंसा की। महोत्सव समिति की ओर से डॉ. अनुपम जैन ने कैट के हिन्दी पुस्तकालयय को भगवान महावीर संबंधी साहित्य का एक सेट प्रदान करने की घोषणा की। 105 अर्हत वचन, अप्रैल 2001 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.526550
Book TitleArhat Vachan 2001 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2001
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size14 MB
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