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________________ परमपूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से मनाये जा रहे भगवान ऋषभदेव अन्तर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता विषय : भगवान ऋषभदेव का भारतीय संस्कृति को अवदान शब्द सीमा : 1500 शब्द - अंतिम तिथि : 31 अगस्त 2000 वांछित प्रतियाँ : दो प्रतियां टंकित या सुवाच्य अक्षरों में - पुरस्कार प्रथम - रु. 2000/- 10 द्वितीय - रु. 1000/- 0 तृतीय - रु. 500/ - सांत्वना पुरस्कार - समस्त प्रतियोगियों को सांत्वना पुरस्कार साहित्य के रूप में दिया जायेगा। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। - पात्रता - म.प्र. के विद्यालय/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय का छात्र/छात्रा होना आवश्यक। प्रविष्टि के साथ छात्र/छात्रा होने का अपने विद्यालय के प्राचार्य/प्रधानाध्यपक का प्रमाण-पत्र अवश्य भेजें। - प्रविष्टि भेजने का पता - डॉ. (श्रीमती) वन्दना जैन, संयोजक - मध्यप्रदेश प्रान्त 5- ए, प्रोफेसर्स कालोनी, आगर मालवा - 465 441 जिला शाजापुर (म.प्र.) नोट : विभिन्न प्रान्तों से चयनित निबन्धों में से केन्द्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय का चयन किया जायेगा एवं उन्हें फरवरी 2001 में केन्द्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जायेगा। केन्द्रीय संयोजक डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन एवं श्री जयसेन जैन (इन्दौर) हैं। म.प्र. के बाहर के प्रतिभागी कृपया निम्न पते पर सम्पर्क करें। डॉ. प्रकाशचन्द जैन श्री जयसेन जैन 91/1, गली नं.3, या 201, अमित अपार्टमेन्ट, तिलकनगर, 1/1 पारसी मोहल्ला, छावनी, इन्दौर-452001 इन्दौर-452001 64 अर्हत् वचन, जुलाई 2000
SR No.526547
Book TitleArhat Vachan 2000 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size17 MB
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