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________________ सारणी क्रमांक - 1 जैन साहित्य में आयुर्वेद की परम्परा आदिनाथ (ऋषभदेव स्वामी) भरत चक्रवर्ती भगवान महावीर (अंतिम तीर्थकर) गणधर प्रतिगणधर शिष्य प्रशिष्य विभिन्न जैन आचार्य सारणी क्रमांक - 2 वैदिक साहित्य में आयुर्वेद की परम्परा ब्रह्मा दक्ष प्रजापति अश्विनी (इन्द्र के बाद आयुर्वेद परम्परा मृत्युलोक में तीन रूपों में प्रचलित हुई) सुश्रुत संहिता के अनुसार चरक संहिता के अनुसार काश्यप संहिता के अनुसार धन्वन्तरि (दियोवास का शिरार्णज) भारद्वाज कश्यप, वश्टि, अत्रि, भुंगु सुश्रुत, औपदेनव, वैतपथ, औरयु, पोष्कलावत, करवीर्य, गोपूररक्षित, भोज आदि अदित्य, पुनर्वसु, अग्निवेश, भेल, जतुकर्ण, पराशर, हारीत, क्षारपाणि इनके पुत्र तथा शिष्य (कौमारभृत्य) 20 अर्हत् वचन, अप्रैल 2000
SR No.526547
Book TitleArhat Vachan 2000 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2000
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size17 MB
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