________________
नितान्त आवश्यक है, इस यात्रा में करीब 300 कि.मी. पैदल चलना होता है तथा तापमान 5 सेन्टीग्रेड होता है। 19000 फीट की ऊँचाई पर बर्फ की अधिकता व आक्सीजन की
भक्ति नृत्य करते हुए काकासा. श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल कमी होती है। कैलाश पर्वत की यात्रा भारत सरकार के पर्यटन विभाग के सहयोग से कोई सौभाग्यशाली साहसी व्यक्ति ही कर सकता है। इस यात्रा में करीब 50,000/- रुपये प्रति व्यक्ति का व्यय होता है।
बद्रीनाथ में भगवान आदिनाथ की निर्वाण स्थली की स्थापना की घोषणा इन्दौर में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम ज्ञानी जैलसिंहजी के सान्निध्य में की गई तब श्री देवकुमारसिंहजी कासलीवाल एवं श्री कैलाशचन्दजी चौधरी के अथक प्रयासों से जनसहयोग द्वारा राशि एकत्र कर भूखंड एवं अतिथिगृह खरीदकर उसे यात्रियों के लिये सुविधायुक्त बनाया गया। इसके अतिरिक्त यहाँ 6 नवीन अतिथिगृहों एवं 2 हालों का निर्माण हो चुका है। अब काफी लोग यहाँ की यात्रा भी करने लगे हैं। अंतत:
आदि पुरुष, आदि तीर्थंकर, कर्मयोगी श्री आदिनाथ, मन, वच, तन से नमन करूँ, मैं अपने दोऊ जोर कर हाथ। पावन भूमि अष्टापद है गिरि कैलाश शिखर सुखकार,
राग - द्वैष को जीत जिन्होंने खोला स्वयं मुक्ति का द्वार॥ प्राप्त: 2.2.2000
अर्हत् वचन पुरस्कार अर्हत् वचन के प्रति वर्ष में प्रकाशित 4 अंकों में से 3 सर्वश्रेष्ठ आलेखों का चयन कर उन्हें अर्हत् वचन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
अर्हत् वचन, अप्रैल 2000
35