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________________ जैन विद्या विश्वकोश सर्वोदय जैन विद्यापीठ की परियोजना आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि जैन विद्या विश्वकोश का कार्य निरन्तर प्रगति पर है। जैन विद्या विश्वकोश पंथ-निरपेक्ष रूप में जैन धर्म एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रत्येक बिन्दु को समाहित करने के लिए संकल्पित है, जो बारह खण्डों में प्रकाशित होना है। यह महनीय कार्य आप सबके सहयोग से ही पूरा हो सकेगा। हमें आपसे निम्नांकित अपेक्षाएं है - 1. यदि आप कम्प्यूटर प्रोग्रामर है तथा अपनी दक्षता Visual Basic एवं Multimedia Designing में रखते है और हमें एक माह में तीन से चार दिन की सेवाएं दे सकते हैं तो हम आपसे उक्त सेवाओं की अपेक्षा रखते हैं। (संस्था आपकी यात्रा में होने वाले व्यय को सहर्ष स्वीकार करेगी) यदि आप पूरे समय हमारे केन्द्र पर काम करना चाहें तो अपनी मासिक मानदेय की अपेक्षा से हमें अवगत करायें। सूचना भेजते समय अपनी विशेषज्ञता के अनुभव का उल्लेख अवश्य करें। 2. यदि आप हिन्दी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद कर सकते हैं तो हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप हमें अपनी सेवा समूल्य या निर्मूल्य संयोजकीय कार्यालय में या अपने मूलस्थान से ही जैसे भी देना चाहें, दें, कृपया अपने अनुवाद के अनुभव सहित अपनी मानदेय की अपेक्षा से हमें अवगत कराएं। 3. जैन - धर्मायतनों में गन्धर्वो के द्वारा पूजन, भजन एवं पदों के गायन की लम्बी परंपरा रही है। यदि आपके पास गन्धर्वो द्वारा गाये गये उक्त गायन के पुराने ऑडियो कैसेट या रिकार्ड उपलब्ध हों तो उनकी एक प्रतिलिपि हमें उपलब्ध करायें। यदि प्रतिलिपि उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की समस्या है. तो उक्त सामग्री को मूलरूप में ही हमें भेजे। हम आपकी सामग्री संकलन के अनन्तर मूलरूप में ही लौटाने के लिए वचनबद्ध हैं। 4. यदि जैन परम्परा से सम्बन्धित विभिन्न संस्कारों, उत्सवों के आयोजनों से सम्बन्धित वीडियो - रिकार्डिंग की कोई कैसेट उपलब्ध हो तो उसकी एक प्रतिलिपि हमें उपलब्ध करायें। यदि प्रतिलिपि उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की समस्या है तो उक्त सामग्री को मूलरूप में ही हमें भेजें। हम आपकी सामग्री संकलन के अनन्तर मूलरूप में ही लौटाने के लिए वचनबद्ध | 5. जैन परम्परा से सम्बन्धित तीर्थों, विशिष्ट मंदिरों, गुफाओं, मूर्तियों, टोकों, पूजाओं, विभिन्न पूजा - पाठों के माड़नों तथा विभिन्न प्रतीकों से सम्बन्धित विवरण एवं स्टिल फोटोग्राफी - रंगीन या काले सफेद चित्रों में उपलब्ध हो तो हमें उसकी एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। यदि प्रतिलिपि उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की समस्या है तो उक्त सामग्री को मूलरूप में ही हमें भेजे। हम आपकी सामग्री संकलन के अनन्तर मूलरूप में ही लौटाने के लिए वचनबद्ध हैं। सामग्री या सूचना हमें जैनविद्या विश्वकोश के निम्नांकित संयोजकीय कार्यालय में भेजने का कष्ट करें। प्रो. वृषभ प्रसाद जैन अकादमिक संयोजक एवं परियोजना प्रशासक, बी-1/132, सेक्टर - जी, अलीगंज, लखनऊ-24 फोन : 0522 - 322263 74 अर्हत् वचन, अक्टूबर 99
SR No.526544
Book TitleArhat Vachan 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year1999
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size5 MB
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