________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्रुतसागर
मार्च-२०२०
o wa u
अनुक्रम १. संपादकीय
रामप्रकाश झा २. गुरुवाणी
आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी ६ ३. Awakening
Acharya Padmasagarsuri ४. वाचक कविश्री गुणविनयजी कृत गणि सुयशचंद्र-सुजसचंद्रविजयजी ८
४ अप्रगट कृतिओ ५. १४ गुणठाणा स्तवन
डॉ. शीतलन शाह ६. शुद्धश्रद्धान स्वाध्याय
हेतलबेन नाणावटी ७. स्तुति-स्तोत्रादि-साहित्यमां क्रमिक परिवर्तन
मुनिश्री पुण्यविजयजी ८. प्राचीन पाण्डुलिपियों की संरक्षण विधि
राहुल आर. त्रिवेदी ९. पुस्तक समीक्षा
रामप्रकाश झा १०. समाचार सार
गुरु कारीगर सारिखा, टंकी विचन विचार। पथर की प्रतिमा करे, पूजा लहे अपार ॥
प्रत क्र. १००५ भावार्थ- गुरु कारीगर जैसे होते हैं। जिस प्रकार कारीगर (शिल्पी) पत्थर से प्रतिमा का निर्माण करता है और वह पूजनीय बन जाती है, वैसे ही गुरु सुवचनों के टंकण से निर्मित इन्सान भी अपार पूज्यता को पाता है।
* प्राप्तिस्थान * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में
डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनिक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५
For Private and Personal Use Only