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SHRUTSAGAR
August-2019 सराहनीय एवं स्तुत्य है। ___पुस्तक की छपाई बहुत सुंदर ढंग से की गई है। आवरण भी कृति के अनुरूप बहुत ही आकर्षक बनाया गया है। विस्तृत विषयानुक्रमणिका, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रंगीन चित्रों, भीनमाल नगर वर्णन से सम्बन्धित प्राचीन कृतियों, संदर्भग्रंथों आदि की सूची देने से यह पुस्तक बहूपयोगी हो गई है। श्रीसंघ, विद्वद्वर्गव जिज्ञासु इसी प्रकार के और भी उत्तम प्रकाशनों की प्रतीक्षा में हैं। भविष्य में भी जिनशासन की उन्नति एवं इतिहास सर्जन के उपयोगी ग्रन्थों के प्रकाशन में इनका अनुपम योगदान प्राप्त होता रहेगा, ऐसी प्रार्थना करते हैं।
पूज्य आचार्यश्री के इस कार्य की सादर अनुमोदना के साथ कोटिशः वंदन।
(अनुसंधान पृष्ठ क्रमांक. ३४ से)
विशेष रूप से अर्बन नक्सलिज्म' नहीं बढे, इसके लिए हमें जाग्रत रहना होगा। उदार हृदय के साथ हमें समाज की एकता को बनाए रखनी है। जैन समाज सदा से राष्ट्रवाद के लिए तत्पर रहा है। विशाल हिन्दु समाज में जो भी समस्या होगी, उसके निदान के लिए हमें साधु-सन्तों के मार्गदर्शन में चलना होगा। हिन्दु विचार समन्वय का विचार है, अतः बुद्धिभेद के लिए किए जानेवाले षडयन्त्रों के विरुद्ध सतत् जाग्रत रहना वर्तमान समय में अत्यन्त आवश्यक है। श्री संवेगभाई लालभाई ने बताया कि हमें अपनी अमूल्य विरासत को सुरक्षित रखने का प्रयास करना है।
पूज्य मुनि पद्मरत्नसागरजी महाराज साहेब की तृतीय वार्षिक पुण्यतिथि
पूज्य राष्ट्रसन्त जैनाचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराजा के शिष्यरत्न मुनि श्री पद्मरत्नसागरजी महाराज साहेब की तृतीय वार्षिक पुण्यतिथि का आयोजन किया गया । गणिवर्य श्री प्रशान्तसागरजी महाराज साहेब ने बताया कि पुण्यतिथि के निमित्त राजनगर के गुरुभक्तों की तरफ से जीवदया हेतु पांजरापोलों में घास का वितरण, गरीबों के लिए दस दिनों तक चलने योग्य सम्पूर्ण भोजनसामग्री किट तथा अनाथ बालकों के लिए फल वितरण किया गया।
पज्य मुनि पद्मरत्नसागरजी महाराज साहेब ने श्रमण संस्थान के लिए अत्यन्त उपयोगी स्वाध्याय, स्तोत्र तथा भक्तियोग से सम्बन्धित पुस्तिकाओं का सम्पादन भी किया था। पुष्पदन्त जैनसंघ में प्रवचन के दौरान गुणानुवाद किया गया था, जिसमें ट्रस्टी श्री कल्पेशभाई वी. शाह ने मुनिश्री के विशेष गुणों की चर्चा की। संघ के युवामहिलामंडल के द्वारा परमात्मा की पूजा और आंगी की गई तथा साबरमती, रामनगर के पास महुडी उपाश्रय में समूह-सामायिक का आयोजन भी किया गया था।
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