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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 27 SHRUTSAGAR August-2019 गुजरातीनी तुलना करीए मुद्रणमां देवनागरी गुजराती करतां वधारे कागळ खाय, वधारे समय ले, वधारे खर्च करावे एवी लिपि छे। छापेलां तेम लखेलां बन्ने रूपमां देवनागरी लिपि गुजराती करतां वधारे जड छे, ओछी सुंदर छ । बंगाळीओ पण पोतानी लिपिनी आवी सरसाई आगळ करे छे अने जो तेमना दावामां पचास टका पण वजुद होय, तो गुजराती लिपि माटे आपणे ओछामां ओछा साठ टका जेटलो दावो निःशंक करी शकीए । गुजराती लिपि बंगाळी करतां सजीवनता अने सुघडतामा दश टका चडियाती तो छ ज । पोतानुं अने वळी सुपरिचित ते पारकुं ने अपरिचित होय तेना करतां चडियातुं लागे ज, ए कुदरती पक्षपातनी रीते आ दावो हुं नथी करतो। तटस्थ लिपि निष्णातनो मत मेळवातां ते आवो ज होवानो, ए म्हारुं वक्तव्य छ। वळी आ एक ज सरसाई आखी बाबतनो निर्णय आणी देवाने माटे पूरती गणाय एवी छ। जीवन व्यवहारने माटे छे, उपरांत साहित्य कला अगर सुंदरता अने अनुपम साधना माटे पण निःसंशय छे । जीवे छे तो सौ कोई। जीवनने केळवी जाणे सुधारी जाणे उद्धारी जाणे तेनुं जीवन सफळ, ते ज साचुं माण्यो। कुदरत तो छे ज, कोटे वळगेली, लोहीने टीपे टीपे भरेली। कुदरतने संयमी नाथी खिलवाय, लोकोत्तर फल उपजावाय, तेज कुदरतनो साचो परिपाक अने मोक्ष। प्राचीन ग्रीक अने आर्य बन्ने तत्त्वदर्शननी आ शिखरे एक वाक्यता छ । मोक्ष परिपाक कला सुंदरता आदिने रात-दिवसना दुन्यवी व्यवहारनी साथे शुं लागे वळगे, एम कहेनारा तो गमार छ। भले तेओ माने के पोतानो प्रश्न अनुत्तर छ । उत्तर समजवा पचाववा अपनाववानी बुद्धिना ज सांसा, तेवाने उत्तर मेळववानो य अधिकार नथी। अने तो पण हुं पोते गुजराती लिपिनी विशिष्ट सुंदरता उपर भार दईश नहीं, केम के हुं गुजराती छु। पोतानी कोईपण वस्तु के करामत उत्तमोत्तम होय तोय ते एवी छे एम दुनिया आगळ गुजराती पोते बोलतो नथी। एवी वाचाळताने गुजराती तो धृष्टता गणे छे, मौन पाळे छ । अने चारित्रमा साची विनम्रता एवी तो अमूल्य बरकत छे, के ते अजुगता दाखलाओमां प्रतीत थती होय, तथापि टीकापात्र नथी लागती। भलेने आखा सवालना निर्णयमां आ मुद्दो रही जतो। बाकीना मुद्दा थोडा नथी अने ते तपासतां जे निर्णय आवे ते पण स्वीकारी लेवाने राजी छु । (क्रमशः) For Private and Personal Use Only
SR No.525349
Book TitleShrutsagar 2019 08 Volume 06 Issue 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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