________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
3 ७ 9
r
श्रुतसागर
अप्रैल-२०१९
अनुक्रम १. संपादकीय
रामप्रकाश झा २. गुरुवाणी
आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी 3. Awakening
Acharya Padmasagarsuri ४. ज्ञानसागरना तीरे तीरे
डॉ. कुमारपाल देसाई ५. राजरत्न गणि कृत
चार प्रत्येकबुद्ध सज्झाय तथा
आर्य महागिरि सज्झाय गणि सुयशचंद्रविजयजी ६. गुजराती बोलीमां विवृत अने संवृत ए-ओ
चुनीलाल वर्धमान शाह ७. श्रुतसेवा के क्षेत्र में आचार्य
श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर का योगदान
राहुल आर. त्रिवेदी ८. पुस्तक समीक्षा
रामप्रकाश झा ९. समाचार
धरम करत संसार सुख, धरम करत निरबाण। धरमपंथ साधन बिना, नर तिर्मंच समान ॥
हस्तप्रत ८१२९० भावार्थ – सांसारिक सुख या निर्वाण की प्राप्ति तो धर्म करने से ही होती है। धर्मपंथरूपी साधन के अभाव में तो मनुष्य तिर्यंच के समान है।
* प्राप्तिस्थान * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में
डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनीक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५
For Private and Personal Use Only