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SHRUTSAGAR
15
January-2019
प्रति उपलब्ध करवाने हेतु आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर कोबा के संचालकों का सादर आभार । इस प्रकार शोधार्थियों को विशिष्ट सहयोग प्रदानकर समस्त संस्थाओं में अपना अग्रगण्य स्थान सुशोभित कर रहे हैं। यह संस्था शोधार्थियों की इसी प्रकार सुंदर सहयोग प्रदान करती रहे, यही शुभकामना ।
बारह भावना संधि
दूहा
॥८०॥ आदीसर जिणवर तणा, पद पंकज पणमेवि । भणिस्युं बारह भावना, सानिधि करि श्रुतदेवी दान दया तप जप क्रिया, भाव पक्षइ अप्रमाण । लूण विणा जिम रसवती, ए श्री जिनवर वाणि दान सील तप दोहिला, करतां दूसमकालि । भावन भावउ भविकजन, पुण्य सरोवर पालि अनित्य पणउ१ असरण पणउ२, भवसरूप३ एकत्व४ । अन्य पणउ५ वलि असुचि पण६ आश्रव७ संवर तत्व८ नवमी निर्ज्जर भावना९, धर्म्म१० सु लोक सभाव ११ । बोधिदुलभ१२ परभवि इसी, बारह भावन भावि
ढाल १
पहिली भावन भावीयइजी, अनित्य पणउ संसारि । संध्या राग समउ सहूजी, निरखइ नहीय गमार भविकजन परिहरि विषय विरोध । हितकारणि करुणा करीजी, श्रीगुरु द्यइ प्रतिबोध वरषाकालइ जिम करइजी, बालक रामति काजि । रेणु तणा घर कारिमाजी, तिम धन संपति राज अतुली बल जिनवर कह्याजी, चक्रवर्त्ति सबल सरीर । अनितपणइ थिर नवि रह्याजी, डाभ अणी जिम नीर
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॥२॥
॥३॥
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॥६॥
भविक०॥७॥
भविक०॥८॥
भविक० ॥९॥