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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org SHRUTSAGAR 15 January-2019 प्रति उपलब्ध करवाने हेतु आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर कोबा के संचालकों का सादर आभार । इस प्रकार शोधार्थियों को विशिष्ट सहयोग प्रदानकर समस्त संस्थाओं में अपना अग्रगण्य स्थान सुशोभित कर रहे हैं। यह संस्था शोधार्थियों की इसी प्रकार सुंदर सहयोग प्रदान करती रहे, यही शुभकामना । बारह भावना संधि दूहा ॥८०॥ आदीसर जिणवर तणा, पद पंकज पणमेवि । भणिस्युं बारह भावना, सानिधि करि श्रुतदेवी दान दया तप जप क्रिया, भाव पक्षइ अप्रमाण । लूण विणा जिम रसवती, ए श्री जिनवर वाणि दान सील तप दोहिला, करतां दूसमकालि । भावन भावउ भविकजन, पुण्य सरोवर पालि अनित्य पणउ१ असरण पणउ२, भवसरूप३ एकत्व४ । अन्य पणउ५ वलि असुचि पण६ आश्रव७ संवर तत्व८ नवमी निर्ज्जर भावना९, धर्म्म१० सु लोक सभाव ११ । बोधिदुलभ१२ परभवि इसी, बारह भावन भावि ढाल १ पहिली भावन भावीयइजी, अनित्य पणउ संसारि । संध्या राग समउ सहूजी, निरखइ नहीय गमार भविकजन परिहरि विषय विरोध । हितकारणि करुणा करीजी, श्रीगुरु द्यइ प्रतिबोध वरषाकालइ जिम करइजी, बालक रामति काजि । रेणु तणा घर कारिमाजी, तिम धन संपति राज अतुली बल जिनवर कह्याजी, चक्रवर्त्ति सबल सरीर । अनितपणइ थिर नवि रह्याजी, डाभ अणी जिम नीर Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only 11211 ॥२॥ ॥३॥ 11811 11411 ॥६॥ भविक०॥७॥ भविक०॥८॥ भविक० ॥९॥
SR No.525342
Book TitleShrutsagar 2019 01 Volume 05 Issue 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2019
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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