________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
30
सितम्बर-२०१७
श्रुतसागर
श्री नितिनभाई पटेल, दीव दमण के प्रशासक श्री प्रफुल्लभाई पटेल व अहमदाबाद के एम.एल.ए श्री राकेशभाई शाह ने भी उपस्थित रहकर इस समारोह की शोभा बढ़ाई.
इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री राम नाथ कोविन्दजी के करकमलों से कैलास श्रुतसागर ग्रन्थसूची के २३ वें भाग का विमोचन भी सम्पन्न हुआ. गुजरात के राज्यपाल महामहिम श्री ओ.पी. कोहली, मुख्यमन्त्री श्री विजयभाई रूपाणी तथा उप मुख्यमन्त्री श्री नितिनभाई पटेल ने जनसमूह को सम्बोधित किया.
महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि “आचार्यश्री के साथ मेरा पुराना सम्बन्ध व घनिष्ठ परिचय रहा है. इनके द्वारा किए जा रहे लोकोपकार के कार्यों को देखते हुए मुझे लगता है कि राष्ट्रसन्त के साथ-साथ ये राष्ट्रनिर्माता भी हैं.” ज्ञातव्य है कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. नीलम संजीव रेड्डी द्वारा वर्ष १९७८ में मुंबई के राजभवन में पूज्य आचार्यश्री को “राष्ट्रसन्त” की उपाधि से विभूषित किया गया था तथा वर्ष २०१७ में गुजरात के महेसाणा की धरती पर इन्हें वर्त्तमान राष्ट्रपतिश्री के द्वारा “राष्ट्रनिर्माता” के गौरवपूर्ण विशेषण से अलंकृत किया गया.
इस अवसर पर मुमुक्षु श्री विराजकुमार की दीक्षा दि. २९ नवम्बर २०१७ को श्री महुडी तीर्थ में व श्री मनोजभाई मूथा की दीक्षा दि. २७ जनवरी २०१८ को अहमदाबाद में होना तय हुआ. गुरुभक्त श्री मनीषभाई मेहता द्वारा रिटायर्ड सैनिकों के फण्ड में ६३ लाख रुपये भेंटस्वरूप दिए गए. प. पू. गुरु भगवन्त का आगामी चातुर्मास भायंदर, मुम्बई के लिए जय बुलाई गई.
पूज्य आचार्यश्री के जन्मदिवस के इस मांगलिक अवसर पर दूर- सुदूर से पधारे हुए अतिथिगण तथा आचार्यश्री के भक्तों ने पूज्यश्री को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी तथा उनसे आशीर्वाद ग्रहण किये. हजारों भक्तों के समक्ष मंच पर विराजमान राष्ट्रसन्त और राष्ट्रपति का युगल दर्शन मनमोहक प्रतीत हो रहा था.
प. पू. गणिवर्य श्री प्रशान्तसागरजी म. सा. के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन श्री सीमन्धर जिनमन्दिर पेढी ट्रस्ट तथा श्रीसंघ महेसाणा के द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में श्री दिलीपभाई, श्री जितेन्द्रभाई, श्री सेजलभाई, श्री निसर्गभाई शाह, श्री विपुलभाई मणियार, श्री परागभाई दोशी तथा श्री हिरलभाई शाह का प्रसंशनीय योगदान रहा. देश-विदेश से पधारे अतिथियों के लिए आवास एवं भोजन की अतिसुंदर व्यवस्था की गई थी.
For Private and Personal Use Only