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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR March -2017 परभवमां साथे आवशे. प्रभुनां हस्तनी पूजा करतां छतां जेओ कंजुसना शिरदार रहे छे तेओ खरेखरी रीते प्रभुहस्तनी पूजा करी शकतां नथी. प्रभुना हस्तनी पूजा कर्या बाद पोताना हस्ते दानादि उत्तम शुभ कार्यो थवां जोइए. प्रभुए अनेक जनोने पोताना हस्ते दीक्षा आपी तेवी रीते आपणे पण प्रभुनां हस्तनुं अनुकरण करवा प्रयत्न करवो जोइए. प्रभुनां हस्तनां गुणो लेवाने माटे ज आपणे प्रभुनां हस्तनी पूजा करीए छीए एम खास ध्यानमा राखवू जोइए. पोताना हस्ते कोइपण बाबतमां कंइ वपराय छे पण याद राखq के शुभ कार्यमा हस्तनो उपयोग करवानो छे. मनुष्योमां दान गुण प्रथम खीलवो जोइए. दान गुणथी त्याग दशा उत्पन्न थाय छे, अने त्याग दशाथी खरो संन्यास प्राप्त थाय छे. दररोज पोताना हस्ते दान करवानो अभ्यास पाडवो. मूर्छानो त्याग थया विना दान दइ शकातुं नथी. हस्तथी जेओ दान करे छे तेओ परभवमां सुखी थाय छे. प्रभुनु मस्तक पूजीने प्रभुनां जेवू ध्यान धरवा भाव राखवो जोइए. प्रभुए ध्यान बळ वडे कर्मनो नाश कर्यो हतो, तेवी रीते प्रभुनु मस्तक पूजीने ध्याननां सद्विचारो करवा जोइए. प्रभुए कंठ वडे देशना दइ अनेक जीवोने तार्यां. तेमनां कंठे पूजा करीने कंठनो गुण प्राप्त करवा प्रयत्न करवो जोइए. प्रभुनां कंठनी जेम पोताना कंठनो सदुपयोग करवामां आवे तो ज कंठनी पूजा सफळ थाय. प्रभुना कंठे पूजा करती वखते प्रभुए कंठ वडे देशना दीधी तेनुं चित्र पोताना हृदयपटमां खड़े करवं. पोताना कंठमांथी पोतानु अने अन्य जीवोनुं श्रेय थाय ए शब्दो बहार काढवा. कंठ वडे प्रभुनां गुणोनुं गान करवू. प्रभुनी परमार्थदेशनानुं स्मरण करवू. (वधु आवतां अंके...) क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समद्ध करना चाहते है ? पुस्तकें भेंट में दी जाती हैं आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा में आगम, प्रकीर्णक, औपदेशिक, आध्यात्मिक, प्रवचन, कथा, स्तवन-स्तुति संग्रह आदि विविध प्रकार के साहित्य तथा प्राकृत, संस्कृत, मारुगुर्जर, गुजराती, राजस्थानी, पुरानी हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं की भेंट में आई बहुमूल्य पुस्तकों की अधिक नकलों का अतिविशाल संग्रह है, जो हम किसी भी ज्ञानभंडार को भेंट में देते हैं. ___यदि आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं तो यथाशीघ्र संपर्क करें. | पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी. For Private and Personal Use Only
SR No.525320
Book TitleShrutsagar 2017 03 Volume 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2017
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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