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आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में ग्रंथसूचना शोधपद्धति : एक परिचय
रामप्रकाश झा (गतांक में वर्णित विद्वान आधारित सूचना शोधपद्धति से आगे)
५. हस्तप्रत आधारित शोधपद्धति ः यदि कोई वाचक मात्र किसी हस्तप्रत का नाम लेकर आता है कि आपके पास अमुक हस्तप्रत है या नहीं? यदि है तो वह पूर्ण है या अपूर्ण? कितना पुराना है ? आदि सूचनाएँ देने का कष्ट करें. तो इस प्रकार की शोध करने के लिए लायब्रेरी प्रोग्राम के हस्तप्रत वाले शोध-प्रपत्र में उस हस्तप्रत का नाम लिखकर शोध करेंगे तो उस नाम के सभी हस्तप्रतों की सूचनाएँ कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ जाएँगी.
जिसमें हस्तप्रत नम्बर, नाम, लम्बाई-चौड़ाई, पंक्ति-अक्षर, प्रतिलेखन वर्ष, मास, तिथि, दशा-विशेषता, हस्तप्रत से जुड़े विद्वानों के नाम, जैसे किस लहिया ने लिखा था? किसने लिखवाया था? किसके लिए लिखा गया था? किस राजा के राज्यकाल में लिखा गया था? उन हस्तप्रत के नामों के नीचे वाले फिल्ड में उससे जुड़े हुए पेटांकों की सूचनाएँ पृष्ठसहित दर्शाई जाती हैं. ___ जिससे यह पता चलता है कि उस हस्तप्रत में कौन सी कृति किस पृष्ठ से किस पृष्ठ तक है? उसके नीचे बहुत सारे टैब होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से कृतिवाला टैब होता है. उस हस्तप्रत में लिखी हुई कृतियों की सारी सूचनाएँ प्रदर्शित की जाती हैं.
जैसे उसका आदिवाक्य, अंतिमवाक्य, पूर्ण-अपूर्ण, यदि कृति अपूर्ण है तो उसका कितना भाग हस्तप्रत में है, कितना भाग नहीं है. यदि सम्पूर्ण है तो उसका परिमाण क्या है? कितनी ढाल हैं? कितनी गाथाएँ हैं? यदि हस्तप्रत खंडित है, मूषकभक्षित है, जला हुआ है तो उसका कौन सा भाग नहीं है? आदि सूचनाओं के साथ देखने को मिलती है.
उदाहरण के लिए - हस्तप्रत नं. - २०३९३, हस्तप्रत नाम – नवस्मरण, पूर्णता- संपूर्ण, पृष्ठ - १ से १३, कुल पृष्ठ – १३, लम्बाई २६.००, चौड़ाई
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