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श्रुतसागर
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अक्तूबर-२०१५ मथुरामां मळेल पत्थर उपर खोदेला चित्रो:
जैनशास्त्रो प्रमाणे आपणे उपरना बन्ने प्रसंगोनुं वर्णन जोयु. आ घटनाओ सत्य होवानी श्रद्धा आजथी बे हजार वर्ष पहेलांना लोकोना हृदयमां सचोट रीते हती जेनी साक्षी बे हजार वर्षथी पण पहेलांना काळमां पत्थर उपर कोतरेल ए घटनाओनां चित उपरथी मळे छे.
आवा पत्थर खोदेला, केटलायजैन ऐतिहासिक कथाओना प्रसंगो मथुराना कंकालीटीलाना खोदकाममाथी मळी आव्या छे. एमां आबे घटनाओनां चित्रोनो पण समावेश थाय छे.
प्राचीन काळमां मथुरा ए उत्तरापथनी एक विराट जैनपुरी हती, जे संबंधी विस्तृत ऐतिहासिक उल्लेख प्राकृत तीर्थकल्पमां मळे छे. आ नगरमां ५०० जिन मंदिरो हता. अहीं चौराशी नामर्नु एक जिनमंदिर हाँ. चौराशी आगमोनी वाचना आ ज नगरमां थई हती. अहीं जैनोनी बहु मोटी वसती हती. ___ मुसलमानोना शासनकाळमां आ नगरी- पतन थयु. क्रमे करी जिनमंदिरो भुशायी थई गयां अने जमीनमा दटाई गया. आजे मथुरामां अनेक टेकराओ नजरे पडे छे. कंकालीटीलो पण एमांनो एक छे अने एमाथी घणु जैन स्थापत्य मळी आव्यु छे. ____ आ बधी वस्तुओमांनी केटलीक लखनौना केसर बागमा छे अने केटलीक मथुराना म्युझयममा छे. आ बन्ने प्रसंगनां चित्रोवाळा पत्थरो पण त्यांथी मळी आव्या छे. गर्भापहरण चित्र: ___ एमांनो गर्भापहरणना चित्रवाळो पत्थर लखनौमां छे ज्यारे आमलकी क्रीडाना प्रसंगर्नु चित्र मथुरामां छे. गर्भापरहणना चित्रनी लंबाई लगभग २.१/२४१.१/२ फुटनी छे. ए पत्थरनो जमणी बाजुनो थोडो भाग टुटी गयो छे. आ चित्रमा नैगमेषी (हरिणीगमेषी) देवनुं चित्र आपेलुं छे. तेनुं मोढुं उंचं अने हरणना जेवू बताव्यु छे. बन्ने हाथ मेळवीने एमां भगवानने धारण करेल छे. पासे ज त्रिशलाराणी सूतेलां छे. पंखो नाखनारी दासीने पण निद्राधीन स्थितिमा बतावेल छे. चित्र बहुज स्पष्ट रीते खोदायेलुं छे. आनो नंबर J-६२६ छे.
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