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SHRUTSAGAR
SEPTEMBER-2014 स्वरूपे संगृहीत थाय छे. तेमज एनाथी केवा अने केटला विविध लाभो श्री संघने अने वाचकवर्गने थई शके छे ए जणाववा माटे एवी दरेक विशेषताओ उपर सरळ भाषामां ज्ञानमंदिरना लायब्रेरी प्रोग्रामनी माहितीओ यथावसरे लेख स्वरूपे प्रकाशित थती रहेशे. एमांनो पहेलो मणको कृति वंश परिचय प्रस्तुत अंकमां प्रकाशित कर्यो छे. ___ तो साथे-साथे जीवन व्यवहारमा अने अध्यात्म जीवनमा उपयोगी थाय एवं एक पुस्तक एटले जैन आचार मीमांसा में जीवन प्रबन्धन के तत्त्व' नो संक्षिप्त परिचय प्रकाशित कर्यो छे.
नोंध :- प्रस्तुत अंकना मुख्य टाईटल उपर प्रकाशित तारातंबोल नगरनुं परिचायक रेखा चित्र सम्राट संप्रति संग्रहालय विभागमांथी साभार अत्रे प्रकाशित कर्यु छे.
क्षमापना
वीरनु भूषण अने सज्जन- आभूषण गणाय एवं तत्त्व छे क्षमा... तलवारनी धार करता जेनो प्रभाव वधु छे एवं उपास्य तत्त्व छे
क्षमा...
मैत्रीनी महेंक अने धीना दीवाना सौम्य प्रकाशनी उपमा आपी शकाय एवं तत्त्व छे क्षमा...
क्षमापनाना आपर्वनिमित्तेवीतेला वर्षना काळ प्रदेश उपर समयना सथवारे तमारी साथे यात्रा करता करता श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र परिवार तथा आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर परिवार तरफथी तमारा मनोभावने स्हेज पण दुःख थयु होय तो पर्वाधिराजना आ पावन पर्वने पामीने आपश्रीने सांवत्सरीक मिच्छामिदुक्कडम् पाठवीए छीए.
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