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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 26 श्रुतसागर अगस्त-२०१४ सकता है। वर्तमान में कई लिपियाँ एवं भाषाएँ आधुनिक विज्ञान, सभ्यता-संस्कृति एवं राष्ट्र के आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यहाँ कुछ प्रमुख भारतीय भाषाओं एवं लिपियों को निनोक्त सूचि द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है भाषा लिपि । ब्राह्मी, खरोष्ठी संस्कृत, प्राकृत, पालि अपभ्रंश, मागधी, हिंदी, मराठी पंजाबी गुरुमुखी गुजराती मैथिल शारदा, ग्रंथ, प्राचीन नागरी (देवनागरी) नेवारी, नंदी नागरी, टाकरी, डोंगरी गुरुमुखी गुजराती मिथिलाक्षर बंगला उडिया तामिल तेलुगु मलयालम अर्बी, पर्सियन बंगाली उडिया तामिल तेलुगु मलयालम अर्बी, पर्सियन, (फारसी) उर्दू उर्द्ध उपरोक्त सूचि में गहरे बोल्ड अक्षरों में लिखित नाम भाषा भी हैं और लिपि भी। इसके अतिरिक्त अन्य सभी नाम ऐसे हैं जो या तो केवल भाषा हैं या फिर केवल लिपि। अस्तु इस लेख के माध्यम से हमने यहाँ भाषा एवं लिपि का किंचित परिचय प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, आशा है जिज्ञासु गवेषक लाभान्वित होंगे। For Private and Personal Use Only
SR No.525292
Book TitleShrutsagar 2014 08 Volume 01 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai L Shah
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
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