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- फरवरी २०१३ हमारे इस लक्ष्य की प्राप्ति में परम पूज्य गुरुभगवन्तों का आशीर्वाद और आप सभी का सहयोग अपेक्षित ही नहीं, बल्कि अनिवार्य है। आपके पास ऐसी कोई ऐतिहासिक कृति, संशोधित विशिष्ट सूचना, महत्त्वपूर्ण लेख आदि हों तो हमारे प्रकाशक के पते पर भेजें, उसे हम आपके नाम के साथ योग्य स्थान में प्रकाशित करेंगे। साथ ही श्रुतसागर से संबंधित आपके अभिप्राय की भी अपेक्षा रहेगी। आपका योग्य मार्गदर्शन हमें प्राप्त होता रहेगा, इसी आशा के साथ
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चित्र परिचय ० पेन नं. १
सोजीत्रा निवासी उपकेश वंशीय सोनी हरखाना परिवारे आ अष्टमंगलनी पाटली श्री पार्श्व-सुपार्श्वनाथ भगवानना चैत्यमां भरावी छे. जेनो विस्तृत
परिचय पेज नं. १४ नंबर उपर आपेल छे. ० पेज नं. २ वि. सं. १२२१ वैशाख सुदि ४ना सोमवारे प्राग्वाट् ज्ञातीय रूपाना दिकरा सामळे आ आदिनाथ पंचतीर्थीनी प्रतिष्ठा करावी छे. प्रतिष्ठाकारक आचार्य भगवंतश्रीनुं नाम के गच्छर्नु नाम जणातुं नथी. तेमज स्थळनो पण उल्लेख प्राप्त थतो नथी. आ धातु-बिंबनी पाछळना भागे भगवाननी डाबी पडखे
छत्र-धर जणाय छे. विस्तृत परिचय पेज नं. १९ उपर आपेल छे.
० पेज नं. ४ प्रस्तुत नंद्यावर्तनुं चित्र वि. सं. १५६८ मां लखायेल चंद्रप्रज्ञप्ति-सूत्रनी प्रतना अंते आपवामां आवेल छे. जेनो विस्तृत परिचय पेज नं. २७ उपर आपेल
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