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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दीपावली शिरताज भगवान महावीर और गुरु गौतम AME सागसीइपुचसटासहरसाश्मा अयंगालनारीणामणिद्या नामयानमारसमसणिणासा पाससमदुममाएविश्वंता दिवासहिनामदियामास मासहिडासाहमणाताबमा पंचामपारकामादवकालतरमाण दाऊलमाणपतरसीयारह अणिग्रहावटासलसिदार यह परम पवित्र आदरणीय कल्पसूत्र की द्विपाठी प्रत है. देवनागरी लिप्यांकित यह प्रत सोलहवीं शताब्दी में लिखी गई है. और इस प्रत में कुल ८४ पत्र हैं. प्रत परिमाण २९.३" x १३.६" है. प्रस्तुत चित्र भगवान श्री महावीर के निर्वाण कल्याणक का द्योतक है. Paमाaaस्यामामंता: प्यूयोगातकार्यamanमलकं कचनातिरानानटार सिदायावावा रासायनिहारमानेयतेयास्नाशनगाःदायाम्पमा ज्यादारभ्यागपाश्चा लापन: माएनियाभरामका अमवामग ਵੇ੩॥ नामदशेच्या त्याचवरमच पानामनाता। ਰੋਸ ਹੈ। निपविकेवल सधिगणरामाणमामाघमारणावादाणा दि.माविषके श्रीगौसमम्मान साहामवासण्हविनापणासवावाडादवछ निम्नविजन एटोकरिस्मामशाङरयाणिय एसमााडायसववदा मादः। Aरिव तरटाणिधणखुदागना मरासीन THRERAR PRमहगाहादांचाससहरसंहिशसमारमा शोकानमना सावळसदाचाररमाऊम्मतरकतसंकीतान मुरवणवि सामुदर्शनया नाशिन्या मावसबारगाहाना हिताहितीयायवानाचाहिनीयायवाट AAJशवि:0MUTURN ਜਗਜਰ। Fasna तपटोपलो। करिष्यामऽतिद तानिटी जितातितःपन विक्रम संवत् १५३६ में लिखित व यह प्रत कल्पसूत्र की है. देवनागरी लिपि में आलेखित इस प्रत में कई सुन्दर-सुन्दर चित्र दिये गये हैं. प्रत परिमाण २६.१ x ११.१" है और इस प्रत में कुल १०९ पत्र हैं. प्रस्तुत चित्र प्रभु महावीर के हृदयस्थ, अंतस्थ और पटस्थ अनन्तलब्धि निधान गुरु गौतमस्वामी का परिचायक है. For Private and Personal Use Only
SR No.525272
Book TitleShrutsagar Ank 2012 11 022
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2012
Total Pages20
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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