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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सम्राट संप्रति संग्रहालय में संगृहीत-प्रदर्शित बहुमूल्य शिल्पांकन चतुर्विंशति जिन मातृका शिला-पट्ट, २४तीर्थंकर बाल स्वरूप में चंद्रप्रभ एकतीर्थी प्रतिमा, परिकर सहित. माता के साथ अंकित हैं. सभी माताओं के नाम उनके अंकन के ऊपर विद्यमान हैं. सर्वोपरी प्रथम पंक्ति में मरुदेवी माता के दोनों ओर चामरधारिणी, छत्रधारिणी एवं परिचारिका (सेविका) खडी हैं. आचार्य देवर्धिगणि क्षमाश्रमण हस्तप्रत भंडार में संगृहीत प्राचीन शैली में आलेखित बहुरंगी सचित्र हस्तप्रत के पत्र जरतवाझवलिमयाम बामनिहिवली भरत बाहुबली युद्ध का चित्रांकन, मध्य में सैन्ययुद्ध का चित्रण है एवं दाहिनी ओर बाहुबलीजी मुनि-अवस्था में ध्यानस्थ खडे है. ए चहलीया देवकुलिका में भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा के समक्ष दर्शन-वंदन एवं भक्ति करते हुए चतुर्विध संघ का दृश्यांकन. साधु भगवंत के पीछे श्रावक वंदन करते हुए बैठे हैं तथा साध्वीजी के साथ श्राविकाएँ विनम्र भावपूर्वक वंदन मुद्रा में भक्तिरत हैं. राजस्थानी शैली में चित्रित यह चित्रांकन विविध रंगों के कारण अत्यन्त मनमोहक प्रतीत होता है. For Private and Personal Use Only
SR No.525269
Book TitleShrutsagar Ank 2012 08 019
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2012
Total Pages20
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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