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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १२ (१७) श्री कुंथुनाथ भगवंत शूर राजा और श्रीदेवी के लादले कुंथुनाथजी हैं, चक्रवर्ती की आज्ञा सारी दुनिया झुक के मानती है। धर्मतीर्थ के सारथि जिनवर ! भवसागर में नैया से, जीवननैया पार लगेगी प्रभुजी हैं खेवैया से ।। (१९) श्री मल्लिनाथ भगवंत www.kobatirth.org (२१) श्री नमिनाथ भगवंत (१८) श्री अरनाथ भगवंत राजा कुंभ व प्रभावती रानी के कुल को कीर्ति दी, मल्लि जिनेश्वर स्त्री तीर्थकर बनकर सबको विरति दी। उन्नीसवें तीर्थंकर का आराधन भय से पार करे, भोयणीमंडन मल्लि प्रभु का सुमिरन सब संसार करे ।। (२३) श्री पार्श्वनाथ भगवंत ओ अरनाथ अनंत सुखदाता देवी रानी के जाए हो, राजा सुदर्शन के सुत प्यारे प्राणी मात्र को भाए हो। शरण तुम्हारी जो भी आए चित्त प्रसन्नता को पाये, तुम चरणों की सेवा करके आत्मा उज्ज्वल हो जाए ।। (२०) श्री मुनिसुव्रत स्वामी विजयराज वप्रा रानी के कुलदीपक नमिनाथ प्रभु, मिथिला के राजा तीर्थंकर सर पर रख दो हाथ प्रभु । जब तक कर्म टूटे ना सारे कमल-पत्र सा जीवन जीऊं, प्रभुकृपा की सुधा के प्याले भक्ति में हो मगन पीऊं ।। बीसवें मुनिसुव्रतस्वामी प्रभुवर हैं सबके उपकारी, पद्मानंद प्रसन्नता दे जाप जपे जो नरनारी। एक अश्व प्रतिबोध के कारण रात में कितना विहार किया, जो ध्याये मनवांछित पाये शरणागत को तार दिया।। (२२) श्री नेमनाथ भगवंत Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जुलाई २०१२ तेईसवें तीर्थंकर प्यारे वामानंदन पार्श्व प्रभो, मंत्र-तंत्र और यंत्र की दुनिया के तुम ही सिरमौर विभो। सुमिरन से ही संकट टलते दर्शन से पूजा करके प्रभो तुम्हारी पवित्रता हमें दुःख मिट जाये, मिल जाए। (२४) श्री महावीरस्वामी यदुकुलनंदन नेमिजिनेश्वर शिवादेवी के सुत तुम, लाखों पशु की जान बचाई वास्तव में अद्भुत हो तुम । राजुल के संग नौ-नौ भव की प्रीत प्रभु ने पूरी की, सच्चा प्रेम है मुक्तिदाता प्रभुवर ने मंजूरी दी ।। For Private and Personal Use Only चरम तीर्थंकर त्रिशलानंदन महावीर स्वामी वंदन हो, हम पर करुणा कर के तोड़ो कर्मों के इन बंधन को । तुमने धर्म की राह बतायी सब को सुख शांति देने, सच्चे मन से आज तुम्हारी शरण स्वीकारी है मैंने।।
SR No.525268
Book TitleShrutsagar Ank 2012 07 018
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2012
Total Pages20
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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