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________________ नूतन संकुल को अपनी सर्जनशील दृष्टि और कुशलता से साकार रूप देनेवाले आर्किटेक्ट श्री देवेन्द्रभाई शाह आदि को भी हम इस प्रसंग पर धन्यवाद पूर्वक अभिनंदन देते हैं. आचार्यपद प्रदान महोत्सव के आयोजन समिति में जिनका अन्तःकरण से सहयोग रहा है ऐसे संस्था के उपप्रमुख श्री कलपेशभाई, श्री सुनिलभाई सिंगीजी एवं श्री देवांगभाई आदि महानुभावों को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हैं. अपनी कुशलता तथा लेखनशैली के द्वारा श्रुतसागर आचार्यपद विशेषांक को मूर्त रूप देनेवाले आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर के सहनिदेशक पंडित श्री मनोजभाई जैन ग्रंथालय प्रभारी श्री रामप्रकाशजी झा, डॉ. हेमन्तकुमारजी, श्री दिलावरसिंह पी. विहोल तथा विशेषांक को साज सज्जा से विभूषित करने में सहयोग देनेवाले प्रोग्रामर श्री केतनभाई डी. शाह, श्री संजयभाई गुर्जर, श्री सुदेशभाई डी. शाह तथा बीजलभाई शाह को भी धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने अपने अथक परिश्रम तथा सूझबूझ के द्वारा श्रुतसागर के विशेषांक का कार्य मर्यादित समय में भी कुशलता पूर्वक पूर्ण किया है. आशा है कि प्रस्तुत विशेषांक वाचकों के द्वारा पसंद किया जाएगा. अन्त में इस संस्था के अनुपम सहयोगियों दानादाता श्रेष्ठिवय, संकुल के निर्माण में अपना उदार सहयोग देनेवाले दाताश्रीओं, वाचकों तथा संस्था के प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोगियों को हम अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए खूब खूब अभिनंदन देते है. छछ पन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी आचार्यपद प्रदान महोत्सव विशेषांक छछ ट्रस्ट मंडल श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा जो धर्म देशना देने में सदैव प्रयत्नशील तथा समर्थ हैं, उन आचार्य को भावारी नंदना 7 छ छ * सौजन्य सतीशभाई रतिलाल शाह, मुंबई
SR No.525262
Book TitleShrutsagar Ank 2007 03 012
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoj Jain
PublisherShree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2007
Total Pages175
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size32 MB
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