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ढेडी हकीक
गोरी
सीचा
सीमाक
मुसा
पनधन
अमलीया
डूर
तिलमर
स्वारा
पाय जहर
सिरखडी
जहर मोहरा
रतुबा
सोनामाखी
हजरतेय हूद
सुरमा
पारस
यह काले रंग का होता है, इसकी खरल व कटोरे बनते है..
यह अनेक रंगों का होता है, इससे घड़ी के मुट्ठे कंधोरे एवं खिलौने बनते है.
यह अनेक प्रकार के रंगों वाला, सफेद सूत सरीखा होता है.
यह काले रंग का होता है, इससे अनेक प्रकार की मूर्तियाँ बनाई जाती है. यह चिकना और चमकदार होता है.
पंन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी आचार्यपद प्रदान महोत्सव विशेषांक
लाल, जरद एवं कुछ शाहमाइल होता है. ऊपर सफेद जरद व गुलाबी छीटा होता है. इससे खरल व कटोरे बनते है.
यह सफेद रंग का होता है, इससे खरल और कटोरे बनते है.
यह कुछ हरापन लिये काले रंग का होता है.
यह कुछ कालापन लिये, गुलाबी रंग का होता है..
कत्थे समान रंग का होता है, हड्डी सड़ जाने पर इसकी दवा काम में आती है. काले के ऊपर सफेद रंग के छींटे होते हैं, इससे खरल बनते है.
यह थोड़ा हरापन लिए होता है, भगंदर रोग पर इसका पाउडर काम आता है. यह सफेद पारे जैसा होता है, जहरीले सर्प-बिच्छू के काटने की जगह पर लगाने से यह एक क्षण में विष खींच लेता है.
यह मटमैले रंग का होता है, इससे सुन्दर खिलौने बनते हैं. जिसके शरीर पर घाव पड गये हों, वहाँ घिसकर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं.
यह थोड़ा सफेद से हर प्रकार के
यह लाल रंग का होता है. जिस व्यक्ति को रात में ज्वर (ताव) आता हो उसके गले में बाँधने से ज्वर नहीं आएगा, एकान्तरा तेरान्तरा बुखार भी नहीं आए.
यह नीले रंग का होता है, यह औषधियाँ बनाने के काम आता है..
यह सफेद मिट्टी के समान होता है. यह पेशाब की बीमारी में काम आता है. यह आँखों की प्रत्येक बीमारी में काम आता है. आँखों का जाला काट देता है.
काले रंग वाले इस पत्थर को लोहे से स्पर्श कराने से लोहा सोना बन जाता है. यह अरावली पहाड़ (आबू) में है.
ये रत्नों के चमत्कारी गुण हैं, जो स्वाभाविक रूप से मनुष्य को लाभ देते हैं. ये एक प्रकार के पत्थर होते हैं. जिन्हें भाग्यशाली मनुष्य ही पहचान सकते हैं.
रंग लिये हुए तथा कभी कभी हरे रंग का भी होता है, इसके प्रयोग विष नष्ट हो जाते हैं,
स्वयं पंचाचार को प्रकृष्टता से पालते हुए,
लोक- अनुग्रह हेतू पंचाचार का अनवरत उपदेश देनेवाले
सूरिराज को वंदना |||
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