SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra २० www.kobatirth.org श्रुत सागर, भाद्रपद २०५९ हस्तप्रत से सम्बन्धित सूचनाओं में ग्रंथनाम प्रतिलेखन वर्ष, प्रतिलेखन स्थल, प्रतिलेखक, प्रतिलेखन का उद्देश्य, प्रतिलेखन पुष्पिका से ज्ञात होने वाला समसामयिक वृत्तान्त आदि के साथ ही हस्तप्रत की प्राचीनता तथा महत्ता आदि के विषय में विवरण प्राप्त किया जा सकता है. . प्रकाशन से सम्बन्धित सूचनाओं में प्रकाशन नाम, प्रकाशन में निहित कृति परिवार, खण्ड, भाग, आवृत्ति, प्रकाशक, प्रकाशन स्थल, प्रकाशन वर्ष, पृष्ठ संख्या, संपादक आदि सहित सम्बद्ध पुस्तकों से संलग्न सूचनाएँ जैसे पुस्तक संख्या, सामान्य परिग्रहणांक, मूल्य, देय, अदेय, दशा, प्राप्तिस्रोत, प्राप्तितिथि, पुस्तक के वाचकों तथा इसके लेन देन का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध होता है. यदि प्रकाशन नाम ज्ञात न हो तो भी इसकी १२५ प्रकार के सम्भवित लाक्षणिकता सूचक शब्दों के आधार पर शोध सम्भव है. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उपर्युक्त उद्देश्यों की परिपूर्ति के लिए संस्था में संग्रहित सभी हस्तलिखित ग्रंथों तथा मुद्रित प्रकाशनों, पत्र-पत्रिकाओं, डिजीटल वाचन सामग्री आदि सरलता से वाचकों की उपयोगितानुसार उपलब्ध कराया जा सके एतदर्थ इनकी विस्तृत व विशद सूक्ष्मतम जानकारियों को कम्प्यूटर पर प्रविष्ट किया जाता है. यह सूचना पद्धति अपने आप में अनोखी व देश में पहली बार यहीं पर विकसित की गई अनुपम व अद्वितीय है. ७४०९७ २५४७१ १२४८२७ १२९३३८ ४७५०३ ५८६३७ १०८२४८ इस प्रणाली के द्वारा वाचक को यदि ग्रन्थ के सम्बन्ध में अल्पतम सूचनाएँ ज्ञात हों तो शोध भी उनकी इच्छित विस्तृत सूचनाएँ सरलता से प्राप्त की जा सकती हैं. इस सूचना पद्धति का परम पूज्य साधु-भगवंतों, देशी-विदेशी विद्वानों तथा समग्र समाज ने भूरि-भूरि अनुमोदना की है. इस विशेष परियोजना के तहत गत वर्ष निम्नलिखित प्रमुख कार्य सम्पन्न हुए : १. ग्रंथालय के कम्प्यूटर प्रोग्राम में निम्नलिखित सूचनाओं के आधार पर कम्प्यूटर पर शोध संभव है : ८४५५८ हस्तप्रत ११७०७२ कृति आदिवाक्य अंतिमवाक्य कृतियाँ हस्तप्रतों में उपलब्ध कृतियाँ प्रकाशनों में उपलब्ध विद्वान नाम (कर्ता / व्यक्ति/संपादक/प्रतिलेखक आदि के रूप में) प्रकाशन पुस्तक प्रचलित अन्य नाम ग्रंथमाला नाम ४१५१७ १७४० ७१०७६ अध्याय १०३८८ प्रकाशनों के साथ ३२३८२ लाक्षणिकतासूचक शब्दों का संयोजन. २. ग्रंथालय के कम्प्यूटर प्रोग्राम में सूचनाओं का संपादन एवं प्रमाणीकरण : लायब्रेरी प्रोग्राम में पूर्व प्रविष्ट सूचनाओं का सुधार, निरंतर नवीन सुविधाओं को उपलब्ध किये जाने के कारण पूर्व प्रविष्ट सूचनाओं को अद्यतन करने हेतु इन सूचनाओं का संशोधन, संपादन एवं प्रमाणीकरण कार्य होता रहता है, जिसके अंतर्गत विविध फाईलों में अग्रलिखित कार्य किये गये : १४५६ कृति परिवारों की ५१३७ कृतिओं की सूचनाएँ उनके साथ जुड़े हर प्रत व प्रकाशन के साथ मिलान कर गहराई से छान-बीन करके प्रमाणित की गईं. अपने आप में यह For Private and Personal Use Only
SR No.525261
Book TitleShrutsagar Ank 2003 09 011
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoj Jain, Balaji Ganorkar
PublisherShree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2003
Total Pages44
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy