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Contents
भारतीय दार्शनिक परम्परा में पारिस्थितिकी : जैन परम्परा के विशेष सन्दर्भ में
1-17 डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय _ 'कारक प्रकरण' का तुलनात्मक अध्ययनः कच्चायन और पाणिनि व्याकरण के आलोक में
18-24 डॉ० श्वेता जैन श्रमण परम्परा समन्वित भारतीय परम्परा और कला में नारी शिक्षा के आयाम
25-37 डॉ० शान्ति स्वरूप सिन्हा मुनि परम्परा का विकासः ऋग्वेद से लेकर महावीर तक 38-50 डॉ० निर्मला गुप्ता एवं श्रेयांस त्रिपाठी CONCEPT OF HUMAN RIGHTS IN JAINA PHILOSOPHY
53-60 Dr. Samani Shashiprajna CONCEPT OF CONSCIOUSNESS IN JAINISM
61-71 Prof. Dharmchand Jain MANIFESTATION OF ETHICS IN JAINA ART
72-77 Prof. M. N. P. Tiwari SALLEKHANĀ : A WAY OF FACING DEATH ARTISTICALLY
78-84 Dr. Rahul Kumar Singh CONCEPT OF NON-VIOLENCE OF SIX BODIED JIVAS IN JAINISM
85-93 Dr. Navin Kumar Srivastav पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचार
94-101 जैन जगत्
102-103 साहित्य सत्कार
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