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पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण में : 95 Hearing the sad news of demise of Shri Nripraj Jain every member of Parshwanath Vidyapeeth was stunned and grieved. A condolence meeting was called and Institute was closed after paying him homage for the day. शोध-पत्र वाचन १. डॉ० राहुल कुमार सिंह, रिसर्च एसोसिएट, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, ने 'कौटिलीय अर्थशास्त्र में प्रतिविम्बित जीवन-दृष्टि' शीर्षक का शोध पत्र भोगीलाल लहेरचन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, नई दिल्ली द्वारा १३-१४ फरवरी, २०१६ को आयोजित "The Nature of life and Death in different Schools of Thought" विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत किया। यह संगोष्ठी भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् द्वारा प्रायोजित थी। २. इण्टरनेशनल स्कूल फार जैन स्टडीज, दिल्ली, और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली लोयला मेरीमाउण्ट यूनिवर्सिटी लास एंजिल्स, मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई, एवं तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के संयुक्त तत्त्वावधान में २६-२७ फरवरी २०१६ को आयोजित "Sallekhana /Santhārā/ Samadhimarana / Prayopavesa" विषयक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, संयुक्त निदेशक पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने "Voluntary Death in non-Jaina Traditions : with special reference to Sallekhana" शीर्षक से तथा डॉ० राहुल कुमार सिंह, रिसर्च एसोसिएट, पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने "Sallekhana : A wayof Facing Death Artistically" शीर्षक से अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किये। इण्टरनेशलन स्कूल ऑफ जैन स्टडीज के निदेशक डॉ० शुगनचन्द जैन के निर्देशन में आयोजित इस इण्टरनेशनल सेमिनार में देश-विदेश के अनेक विद्वानों ने भाग लिया।
संलेखना पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो० रामजी सिंह के साथ डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, डॉ० राहुल कुमार सिंह एवं डॉ० नवीन कुमार श्रीवास्तव