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________________ गुजराती अनुवाद ११८. हवे आश्चर्य पामेलो राजा मनमां विचाटे छे. अरे! महान् आश्चर्य! भूमि उपर चालवायूँ छोडीने हाथी आकाशमार्गे चाले छे. हिन्दी अनुवाद आश्चर्यचकित राजा विचार करता है कि अरे यह तो महान आश्चर्य है कि भूमि पर चलने वाला हाथी भूमि को छोड़कर आकाश मार्ग से जा रहा है। गाहा अहवा। पुष्व-विरुद्ध-सुरो सो विलसइ नूणं इमेण रूवेण । न हु केवलिणा भणिया भावा इह अन्नहा होति ।।११९।। संस्कृत छाया अथवा ! पूर्वविरुद्धसुरः स विलसति नूनमनेन रूपेण । न खलु केवलिना भणिता भावा इहाऽन्यथा भवन्ति ।।११९।। गुजराती अनुवाद___ ११९. (देवमाया राणीनुं अपहरण) अथवा तो पूर्वनो वैरी देव आ आप बड़े विलास करतो लागे छे. खरेखर केवलिब्धगवंते कहेला यावो अहीं अन्यथा थता नथी! हिन्दी अनुवाद अथवा तो पूर्व का बैरी देव इस रूप में विलास कर रहा है। सच. कहें तो केवली भगवंत का कहा गया भाव अन्यथा नहीं होता। गाहा एवं विचिंतयंतस्स तस्स, हत्थी अदंसणीभूओ। ताव अणु-मग्ग-लग्गं रन्नो सिन्नं समणुपत्तं ।।१२०।। संस्कृत छाया एवं विचिन्तयतः तस्य हस्त्यदर्शनीभूतः । तावदनुमार्गलग्नं राज्ञः सैन्यं समनुप्राप्तम् ।। १२० ।।
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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