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________________ गुजराती अनुवाद ११. आ प्रमाणे राजा महाराणीने ज्यां कहे छे त्यां तो ते हाथी अतिशय वेगपूर्वक वटवृक्षनी नीचे आवी गयो. हिन्दी अनुवाद इस प्रकार राजा ने रानी से जैसा कहा था, अतिशय वेगपूर्वक चलता वह हाथी उस बरगद के पेड़ के नीचे आ गया। गाहा दक्खत्तणओ राया झत्ति विलग्गो य तस्स साहाए । लग्गसु लग्गसु देवि! झत्ति एवं भणेमाणो ।।११४।। संस्कृत छाया दक्षत्वतो राजा झटिति विलग्नश्च तस्य शाखायाम् । लग लग देवि ! झटिति एतद् भणन् ।। ११४ ।। गुजराती अनुवाद ११४. हे देवि! जल्दी शाखा पकड़ी लो...पकड़ी लो...सम बोलतो चतुराईथी राजा शीघ्र ते झाडनी शाखाने वलगी गयो. हिन्दी अनुवाद हे देवी जल्दी शाखा पकड़ लो, ऐसा कहकर राजा ने चतुराई से पेड़ की शाखा को पकड़ लिया। गाहा अइवेगओ करिस्सा (स्स?) अदक्खयाए य इत्थि-भावस्स । गम्भस्स य गरुयत्ता भय-वेविरओ सरीरस्स ।।११५।। कय-अज्झवसायावि हुन सक्किया जाहि तत्थ लग्गेउं । ताहे य करि-वरो सो झडत्ति तत्तो अवक्कंतो।।११६।। संस्कृत छाया अतिवेगतः करिणोऽदक्षतया स्त्रीभावस्य । गर्भस्य च गुरुत्वात् भयवेपमानतश्शरीरस्य ।। ११५ ।। कृताऽध्यवसायाऽपि खलु न शक्या यदा तत्र लगितुम् । तदा च करिवरः स झटिति ततोऽपक्रान्तः ।।११६।। युग्मम् ।।
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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