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हिन्दी अनुवाद
इसलिए हे देव! मुझे पुत्र दें नहीं तो उसके बिना मेरा जीवन नहीं है। मेरे स्तन या तो टूट जायेंगे या उनसे दूध निकलने के अलावा कुछ नहीं होगा ।
गाहा
तत्तो रन्ना भणियं एत्थत्थे कुणसु देवि ! मा सोगं । आराहित्ता तियसं पूरेमि मणोरहेऽवस्सं ।। ४० ।। संस्कृत छाया
ततो राज्ञा भणितमत्रार्थे कुरु देवि ! मा शोकम् । आराध्य त्रिदशं पूरयामि मनोरथानवश्यम् ।। ४० ।। गुजराती अनुवाद
४०. त्यारे राजाए कहयुं- 'हे देवि! आ विषयमां शोक न कंर, देवी आराधना करीने अवश्य तारा मनोरथ पूर्ण करीश.
हिन्दी अनुवाद -
तब राजा ने कहा, 'हे देवि इस विषय में आप शोक न करें। मैं देव की आराधना कर आपका मनोरथ अवश्य पूरा करूंगा।
गाहा
इय भणिऊणं राया काउं पूयं जिणिंद- पडिमाणं ।
सिय- वसण धरो उम्मुक्क-सयल मणि-कंचणाहरणो ।। ४१ ।।
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पोसह- सालं गंतुं अट्ठम भत्तं पगिहिउं विहिणा । कुस - सत्यरे निसन्नो एवं भणिउं समाढतो ।। ४२ ।। संस्कृत छाया
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इति भणित्वा राजा कृत्वा पूजां जिनेन्द्रप्रतिमानाम् । सितवसनधर उन्मुक्तसकलमणिकञ्चनाऽऽ भरणः ।। ४१ ।। पौषधशालां गत्वाऽष्टमभक्तं प्रगृह्य विधिना ।
कुशसंस्तारे निषण्ण एवं भणितुं समारब्धः ।। ४२ ।।
गुजराती अनुवाद
४१-४२. (देव आराधना)- एम कहीने श्वेतवस्त्रधारी, समस्तमणि