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हिन्दी अनुवाद
जबतक अपने स्वयं के पुत्र का मुख न देख लूं मैं मन्दभाग्यवाली ही कही जाऊँगी। मेरे जीने से क्या लाभ? मुझे राज्य का अनावश्यक गर्व क्यों हो?
गाहा
एमाइ चिंतयंती आभासित्ता वयंसियं निययं ।
रन्ना सहिया देवी संपत्ता नियय-गेहम्मि ।।३०।। संस्कृत छाया
एवमादि चिन्तयन्त्याभाष्य वयस्यां निजकाम् ।
राज्ञा सहिता देवी सम्प्राप्ता निजगेहे ।। ३० ।। गुजराती अनुवाद
३०. इत्यादि विचारो करती पोतानी सखीने कहीने राजा सहित महाराणी पोताना महेले गई. हिन्दी अनुवाद
यह विचारती हुई रानी अपनी सखी को कहकर अपने महल में चली गयी। गाहा
तत्थ य तं चितंती सुय-जम्मुक्कंठिया ससोइल्ला। परिचत्त-देह-चिट्ठा उव्विग्गा सयल-कज्जेसु ।।३१।। मत्ता व मुच्छिया इव सुत्तव्य मयव्य विगय-सत्तव्व । झाण-गय-जोगिणि इव उवरय-नीसेस-वावारा ।।३२।। परिहायंत-सरीरा गुरु-सोयायास-साम-मुह-कमला ।
रन्ना कयाइ दिठ्ठा पुट्ठा कमलावई ताहे ।।३३।। संस्कृत छाया
तत्र च तं चिन्तयन्ती सुतजन्मोत्कण्ठिता सशोकवती । परित्यक्तदेहचेष्टोद्विग्ना सकलकार्येषु ।।३१।। मत्तेव मूर्छितेव सुप्तेव मृतेव विगतसत्त्वेव । ध्यानगतयोगिनीव उपरतनिःशेषव्यापारा ।।३२।। परिहीयमानशरीरा गुरुशोकायासश्याममुखकमला । राज्ञा कदाचिद्छटा पृष्टा कमलावती तदा ।।३३।। तिसृभिः कुलकम