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________________ पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचारः 105 इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डोलाजी, नई दिल्ली एवं दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली सरकार के संयुक्त तत्त्वावधान में २७-२९ मार्च २०१५ तक आयोजित संस्कृत वाङमय के विकास में जैन परम्परा का अवदान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत किया गया। अन्तर्धर्मीय परिषद् एवं मैत्री भवन द्वारा आयोजित विश्व धर्म के विविध आयाम: अन्तर्धर्मीय परिषद् एवं मैत्री भवन द्वारा आयोजित 'विश्व धर्म के विविध आयाम' विषयक संगोष्ठी (वाराणसी १५-१६ फरवरी, २०१५) के 'जैनधर्म में शान्ति एवं मैत्रीपूर्ण संवाद' सत्र का आयोजन पार्श्वनाथ विद्यापीठ में १५ फरवरी २०१५ को प्रात: किया गया, जिसमें डॉ० अशोक कुमार सिंह ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। आगामी कार्यशालाएँ : १. मानविकी में शोध-प्रविधि विषयक पन्द्रह दिवसीय कार्यशाला : पार्श्वनाथ विद्यापीठ द्वारा, शोधार्थियों एवं विद्वानों को शोध के क्षेत्र में प्रवीण बनाने एवं विविध शोध-प्रविधियों के ज्ञान से उनके शोध को उत्कृष्ट बनाने के उद्देश्य से ११ से २५ अप्रैल २०१५ तक डॉ.श्रीप्रकाश पाण्डेय के निदेशकत्व तथा डॉ. श्रीनेत्र पाण्डेय के संयोजकत्व में एक पन्द्रह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में शोध से सम्बन्धित विभिन्न आयामों यथा- शोध की परिभाषा, प्रकार एवं उद्देश्य, विषय चयन, शोध-पत्र/शोध-प्रबन्ध लेखन, सन्दर्भ प्रविधियाँ, शोध नैतिकता इत्यादि विषयों पर व्याख्यानों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। २. प्राकृत भाषा एवं साहित्य विषयक पन्द्रह दिवसीय कार्यशाला : जैन विद्या के क्षेत्र में कार्यरत या कार्य करने के इच्छुक विद्वानों के लिये प्राकृत भाषा का ज्ञान अत्यावश्यक है। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए पार्श्वनाथ विद्यापीठ, प्राकृत भाषा के प्रशिक्षण हेतु कार्यशालाएँ आयोजित करता रहता है। इसी क्रम में प्राकृत भाषा एवं साहित्य पर पाँचवीं
SR No.525091
Book TitleSramana 2015 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages118
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
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