SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भाषा-चिन्तन की परम्परा में जैन दर्शन की भूमिका : 19 माना जा सकता है। पुन: 'निक्षेप' की अवधारणाएँ भी जैन आगमों में उपलब्ध हैं। इन अवधरणाओं का उद्देश्य वक्ता के आशय को समझाना है। ये सभी विषय भाषा-दर्शन से सम्बन्धित है। इसी प्रकार पूज्यपाद, माणिक्यनन्दी, प्रभाचन्द्र आदि जैन दार्शनिकों ने क्रमश: ‘सर्वार्थसिद्धि', 'परीक्षामुख', 'प्रमेयकमलमार्तण्ड' तथा 'न्यायकुमुदचन्द्र' आदि ग्रन्थों में शब्द का स्वरूप, शब्दार्थ सम्बन्ध, शब्द के वाच्यत्व के प्रश्न आदि पर गम्भीरता से विचार किया गया है। जैन आगमों के सांकेतिक भाषा-दर्शन सम्बन्धी विषय जैन न्याय के ग्रन्थों में क्रमश: विकसित होते गए। इस प्रकार भाषा-दर्शन के क्षेत्र में जैन दार्शनिकों के अवदान को महत्त्वपूर्ण माना जा सकता है। सन्दर्भ सूची: १. पं० दलसुख मालवणिया, आगम युग का जैन-दर्शन, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, पृ० २८१, १९९० २. पं० महेन्द्र कुमार जैन, जैन दर्शन,श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, वाराणसी, चतुर्थ संस्करण, २००६, पृ० ११ ३. डॉ० सागरमल जैन, जैन भाषा-दर्शन, भोगीलाल लेहरचन्द भारतीय संस्कृति संस्थान, दिल्ली, १९८६ ४. 'आचारांगसूत्र', द्वितीय श्रुतस्कन्ध चतुर्थ, अध्ययन, सम्पा. मधुकर मुनि आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.), १९८५ ५. ठाणं, १०वाँ स्थानक, वाचना प्रमुख आचार्य तुलसी, सम्पा. मुनि नथमल, जैन विश्वभारती लाडनूँ (राज.), १९७६ । ६. अणुओगदाराई, सम्पा. आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्वभारती,लाडनूं राज.,१९९६ ७. नन्दीसूत्र, प्रकरण ४ एवं ५, सम्पा. आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्वभारती, लाडनूं (राज.), १९९७ ८. प्रज्ञापनासूत्र, एकादश 'भाषा पदम', सम्पा. मधुकर मुनि, श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.) १९८३ ९. दसवेआलियं, सप्तम अध्ययन, सं. विवेचक- मुनि नथमल, जैन विश्वभारती लाडनूँ (राज.), १९७४ १०. पंचास्तिकाय सार, कुन्दकुन्द, व्याख्या- प्रो०ए० चक्रवर्ती नयनार, ए०एन० उपाध्ये,भारतीयज्ञानपीठ,नईदिल्ली, १९७५
SR No.525086
Book TitleSramana 2013 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy