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जैन जगत्
प्रो. डॉ. दामोदर शास्त्री को संस्कृत शास्त्र पुरस्कार:राजस्थान संस्कृत अकादमी (कला, साहित्य व संस्कृत मंत्रालय, राजस्थान सरकार) द्वारा २०१२-२०१३ वर्ष का 'संस्कृत शास्त्र' पुरस्कार प्रो. डॉ. दामोदर शास्त्री को प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार उनकी ‘कातन्त्ररूपमाला' (संस्कृत व्याकरण) की विस्तृत संस्कृत टीका पर दिया गया है। गुजरात की राज्यपाल महामहिम श्रीमती कमला ने उन्हें यह पुरस्कार जयपुर कलाकेन्द्र के रंगायन सभागार में दिनांक ९ जुलाई २०१३ को प्रदान किया। प्रो. शास्त्री वर्तमान में जैन विश्वभारती (मान्य विश्वविद्यालय), लाडनूं में जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग के आचार्य व अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। ज्ञातव्य है कि उक्त शास्त्रीय कृति पूज्य श्वेतापिच्छाचार्य मुनिश्री विद्यानन्द जी महाराज की प्रेरणा व निर्देशन में सम्पन्न हुई थी।
जम्बूस्वामी तपोस्थली पर सहस्राधिक वर्षों में प्रथम बार होगी दिगम्बर दीक्षाएं:जम्बूस्वामी तपोस्थली, बौलखेड़ा, कामां, जिला भरतपुर (राज.) में ०८ सितम्बर दिन रविवार को प्रात: ११ बजे से प. पू. राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानन्द जी मुनिराज के सुयोग्य व प्रभावक शिष्य प. पू. अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनन्दी जी मुनिराज के पावन कर कमलों द्वारा दीक्षा संस्कार प्रदत्त की जाएगा।
मुनि श्री १०८ प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ का वर्षायोगःपुष्पगिरी प्रणेता परम पूज्य आचार्य श्री १०८ पुष्प दंत सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य मुनि श्री १०८ प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ का आगरा से पैदल विहार करके वर्षायोग हेतु १४ जुलाई २०१३ को मंगल प्रवेश अम्बाला छावनी में हुआ था और वर्षायोग स्थापना समारोह २१ जुलाई २०१३ को लार्ड महावीर जैन पब्लिक स्कूल, अम्बाला में सम्पन्न हो चुका है। मुनि श्री का वर्षायोग प्रवास१० नवम्बर २०१३ तक रहेगा। इस अवधि के दौरान मुनि श्री श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, गुड बाजार, अम्बाला छावनी में विराजमान रहेंगे।
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