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From Chairman's desk
1. पूर्व मध्यकालीन राजस्थान में श्वेताम्बर सम्प्रदाय का विकास ( परमार वंश के विशेष संदर्भ में ) डॉ. रविशंकर गुप्ता
2. ज्ञान - ज्ञेय मीमांसा- जैनदर्शन का वैशिष्ट्य डॉ. अल्पना जैन
3. लोकानुप्रेक्षा में वास्तुविद्या
सतेन्द्र कुमार जैन
4. तत्त्व विद्या के त्रिआयामी आधार - जीव, जगत् एवं उनका अन्तः सम्बन्ध
डॉ. रामनेरश जैन
5. WHO WERE THE ORIGINAL
‘KSATRIYAS’?
Capt. Vimal Jain
Contents
6. BHAKTI IN JAIN TRADITION Dr. Kamini Gogri
7. JAIN PHILOSOPHY OF
REALITY: A CRITICAL STUDY
Dr. Samani Shashi Prajna
स्थायी स्तम्भ
पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचार
साहित्य-स
-सत्कार पुस्तक-समीक्षा साभार- प्राप्ति
v-vi
1-6
7-17
18-37
38-48
49-53
54-63
64-87
88-90
91-92
93-94