________________
Contents
सम्पादकीय श्रमण के यशस्वी लेखक
vi-viji
1. अर्धमागधी आगम-साहित्य में अस्तिकाय
डॉ. धर्मचन्द जैन
1-11
2.
जैन चिन्तन में धर्म का स्वरूप एवं माहात्म्य डॉ. अशोक कुमार जैन
12-18
5. प्राकृतकथा वाङ्मय में निहित वैश्विक संदेश
डॉ. रजनीश शुक्ल
19-30
4. ŚRIMAD BHAGAVADGĪTĀ:
A JAIN PERSPECTIVE T. U. Mehta
31-39
5. DISCUSSION ON FREUDIAN AND
JAIN CONCEPT OF DREAM Dr. Samani Ramaniya Pragya
40-58
6. ANUVRATA : A SOLUTION FOR
WORLD PEACE Dr. Navin Kumar Srivastav
59-68
स्थायी स्तम्भ पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचार जैन जगत् साहित्य-सत्कार
69-72 ___73 74-78