________________
जैन अंग साहित्य में प्रतिबिम्बित...... : 29 49. वही, 1.1.58, पृ. 32 50. अभिधानराजेन्द्रकोश (भाग 5), राजेन्द्रसूरी, पृ. 855 51. जैनेन्द्रसिद्धान्त कोश (भाग 1), जिनेन्द्रवर्णी, पृ. 157 52. भिक्षुआगम कोश, आचार्य महाप्रज्ञ. पृ. 124-125 53. जैनेन्द्रसिद्धान्त कोश (भाग 1), जिनेन्द्रवर्णी, पृ. 279-280 54. विशेषावश्यकभाष्य (भाग 1), जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण, दिव्य दर्शन ट्रस्ट,
68. गुलालाबाड़ी, त्रीजे. मुम्बई, वि. सं. 2005, सू. 875, पृ. 208 55. आचारांगसूत्र. सं. मुनिश्री समदर्शीजी, सू. i.63, पृ. 239 56. भण्वस्म मोक्खमग्गाहिलासिणो ठियगुरूवएस्स। आईए जोग्गमिणं बालगिलास्स
वा डहार।। भिक्षुआगमकोश (भाग 1), सं. आचार्य महाप्रज्ञ. पृ. 126 57. भिक्षुआगम कोश (भाग 1), सं. महाप्रज्ञ, पृ. 295 58. जैनेन्द्रसिद्धान्त कोश (भाग 2), पृ. 358 59. व्याख्याप्रज्ञप्ति, सं. मधुकर मुनि, 3.18.2, पूर्वोक्त, पृ. 678 60. वही, 3.11.9, पृ. 635 61. अनुत्तरौपपातिकदशांग, मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति. ब्यावर
(राज.). 3.6, पृ. 27