SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 52
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विपाकसूत्र में वर्णित चिकित्सा-विज्ञान : ४१ १२. (क) अट्ठगा-उव्वेयपाढए तं जहा-कौमारभिच्चं, सालागे सल्लहत्ते कायतिगिच्छा जंगोले भूयाविज्जा रसायणे बाईकरणे.....। वही, ७/४ (ख) विपासूत्रम्- अनुवादक ज्ञानमुनि, ७/४, पृ० ३९३-३९४ १३. .....दुब्बलाण य गिलाणाण य वाहियाण य रोगियाण य आउराण या वही, ७/५, विपाकसूत्रम्- अनुवादक ज्ञानमुनि, ७/५ पृ० ३९४-३९५ १४. विज्जो वा विज्जपुत्तो वा जाणओ वा जाणथपुत्तो वा तेइण्छिओ वा तेइच्छियपुत्तो वा ..... । वही १/१६, विपाकसूत्रम्- अनुवादक ज्ञानमुनि, पृ० ६५-६९ १५. (क) तस्स णं कणगरहस्स रन्नो धन्वन्तरी नाम वेज्जे होथा, अटुंगा उण्वेयपाढए तं जहा ..... सिवइत्थे सुहइत्थे लघुइत्थे। वही, ७/४ (ख) वही, ७/४, पृ० ३८७-३९४ १६. ता एगाइ-सरीरयं परामुसंति २ ता तेंसि रोगाणं निदाणं पुच्छंति २ ता एकाइ रट्ठकूडस्य बहूंहि अब्भंगेहि य उन्डवणहि य सिणेहपाणेहि य वमणेहि य विरेयणहि य सेयणाहि य अवदाहणहि य अवण्हाणेहि य अणुवासणहि य वत्थिकम्मेहि य निरूहेहि य सिरावधेहि य तच्छणेहि य पच्छणेह य सिरोबत्थीहि य तप्पणेहि य पुडपागेहि य छल्लीहि य मूलेहि य कंदेहि य पत्तेहि य पुष्फेहि य फलहि य बीएहि य सिलियहि य गुलियहि य ओसहेहि य भेसज्जेहि य । वही, १/१७ १७. वही, ८/७
SR No.525076
Book TitleSramana 2011 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2011
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy