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________________ लेखकों एवं पाठकों से निवेदन महोदय, सन् १९३७ में स्थापित पार्श्वनाथ विद्यापीठ भारतीय संस्कृति और जैनविद्या पर शोध में सनद्ध एक शोध संस्था है। यहां ४०,००० पुस्तकों एवं २००० पाण्डुलिपियों का अनुपम संग्रह है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ एक त्रैमासिक 'श्रमण' नामक शोध-पत्रिका प्रकाशित करती है जो न केवल भारत में अपितु विदेशों में भी अपने उत्कृष्ट लेखों और गुणवत्ता के लिये जानी जाती है। विद्यापीठ का प्रारम्भ से ही निष्पक्ष एवं साम्प्रदायिक अभिनिवेश रहित दृष्टिकोण रहा है और वह उसके द्वारा प्रकाशित ग्रन्थों एवं पत्रिका में प्रकाशित आलेखों से स्पष्ट है। आप अपने विषय के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् हैं? हम आपके आभारी रहेंगे यदि आप श्रमण हेतु अपने विद्वत्तापूर्ण आलेख हमें उपलब्ध कराने की कृपा करेंगे। आलेख हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हो सकते हैं। आलेख मुख्य रूप से जैनविद्या से सम्बन्धित तलनात्मक तथा वैज्ञानिक हों। विद्वानों से निवेदन है कि लेख भेजते समय कृपया निम्न बातों का ध्यान रखें१. हिन्दी लेख क्रुतिदेव या ए.पी.एस. (प्रियंका या स्टारडस्ट फान्ट साइज १३) __में टंकित होने चाहिये। अंग्रेजी लेख टाइम्स न्यूरोमन अथवा एरियल (फान्ट साइज १३) में हों। २. लेख कम्प्यूटराइज्ड एवं सी.डी. में सुरक्षित हों तो अच्छा है। ३. यदि लेख हस्तलिखित हों तो सुस्पष्ट हैन्ड राइटिंग में हों। ४. श्रमण एक शोध-पत्रिका है, इसलिये लेख मूल ग्रन्थों पर आधारित (पूर्ण सन्दर्भो सहित) होने चाहिए। किसी महापुरुष का परिचय, स्वतन्त्र चिन्तन तथा शोधोपयोगी सामग्री भी प्रकाशित हो सकती है। ५. वर्ष के प्रकाशित चार अंकों में से चुने हुए तीन लेखों को पुरस्कृत किया जाएगा। ६. जिज्ञासा-समाधान हेतु अपनी जिज्ञासा भेजें। ७. ग्रन्थ-समीक्षार्थ ग्रन्थ की दो प्रतियां अवश्य भेजें। ८. पाठकगण प्रकाशित अंक के सन्दर्भ में अपनी सम्मति तथा अपने सुझाव भेजें उसे हम प्रकाशित करेंगे। श्रमण को उत्कृष्ट और शोधपरक बनाने में हमें आपका पूरा सहयोग अपेक्षित है। सम्पादक
SR No.525073
Book TitleSramana 2010 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
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