SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६ श्रमण, वर्ष ६०, अंक १/जनवरी-मार्च २००९ संदर्भ : १. ऋग्वेद - ८। ८५, १-९ वही- १०,४२-४४ २. वही- १ ।११६, २३ वही- ८।९६, १३-१५ ४. ऐतरेय आरण्यक - ३।२।६ ५. तैतिरीय आरण्यक - १०।१६ ६. कौशीतकी ब्राह्मण - ३०।९।७ ७. छांदोग्योपनिषद् - ३।१७, ४-६ ८. महाभारत, शांतिपर्व - ४३/५ ९. श्रीमद्भागवत - १०।२।२५-३१ विष्णुपुराण - ५२ १०. घट जातक संख्या - ४५४ ११. महाउमग्ग जातक संख्या - ४२१ १२. स्थानांगसूत्र, ८/६२६ १३. समवायांगसूत्र, समवाय, ५४ १४. ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र, अध्याय ५ पृ०-१५६-१५७, सम्पा०- मधुकरमुनि १५. अन्तकृत्दशांगसूत्र, १/१/५-६ १६. प्रश्नव्याकरणसूत्र, अध्याय ४, सम्पा०- उपाध्याय अमरमुनि १७. वण्हिदसाओ, पृ०-७१२ १८. उत्तराध्ययनसूत्र, अध्याय २२ १९. समवायांगसूत्र, सम्पा०- मधुकरमुनि, सूत्र ६५७ २०. ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र, १/१६/८०-८९ । २१. अन्तकृत्दशा, ५/१/४ २२. जैन, जगदीशचन्द्र, प्राकृत साहित्य का इतिहास, पृ०-३८२ २३. उतरपुराण - आचार्य गुणभद्र, ७२ वाँ पर्व, पृष्ठ - ४२७, ४२८ २४. हरिवंशपुराण, ३६/६५-६६
SR No.525067
Book TitleSramana 2009 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2009
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy