________________
श्रीमद्धनेश्वरसूरिविरचितं सुरसुंदरीचरिअं
(षष्ठ परिच्छेद)
पू. गणिवर्य श्री विशुतयशविजयजीकृत संस्कृत छाया, गुजराती और हिन्दी
अनुवाद सहित
परामर्शदात्री प०पू० साध्वीवर्या रत्नचूलाजी म साo
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
२००४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org