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श्रमण अक्टूबर-दिसम्बर २००७
हिन्दी खण्ड
साहित्यवाचस्पति डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव
विषयसूची
१. बौद्धों का शून्यवाद २. मध्यकालीन भारतीय प्रतिमालक्षण
डॉ० मारुति नन्दन प्रसाद तिवारी डॉ० हरिशंकर पाण्डेय
डा० एस० पी० सिंह
३. आचारांग में भारतीय कला ४. जैन धर्म और ब्रज
५. मध्ययुगीन संत-काव्य में जैन न्याय की निक्षेप-पद्धति
६. जैन दर्शन में प्रत्यभिज्ञान प्रमाण
७. हठयोग एवं जैनयोग में प्रत्याहार का स्वरूप : एक तुलनात्मक अध्ययन ८. जैन पोथियों में जैनेतर दृश्य
९.
जैन दर्शन एवं श्री अरविन्द के दर्शन में चेतना का स्वरूप : एक तुलनात्मक सर्वेक्षण
10. The contribution of Buddhism to the World of Art & Architecture Venerable
१६. साहित्य सत्कार १७. सुरसुन्दरीचरिअं
11. Jaina Architecture and Images of Western India under the Western Kṣatrapas
12. The Concept of Mind (Manas) in Jaina Philosophy
13 Jainism in Bengal
१४. पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण में १५. जैन जगत्
साध्वी डॉ० अर्चना डॉ० भूपेन्द्र शुक्ल
ENGLISH SECTION
डॉ० राज नारायण सिंह
डॉ० शैलेन्द्र कुमार
डॉ० अवनीश चन्द पाण्डेय
Dr. Rewata Dhamma
Prof. Rasesh Jamindar
Dr. S. P. Pandey
Dr. Harihar Singh
१-६
७-१५
१६-२२
२३- ३१
३२- ३७
३८-४२
४३-४६
४७-५१
५२-५८
61-72
73-83
84-97
98-103
१०४ - १०७
१०८-११२
११३-११६
श्रीमद्धनेश्वर सूरि २१९-३२०