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________________ श्रमण, वर्ष ५८, अंक ४ अक्टूबर-दिसम्बर २००७ पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण में खरतरगच्छ की चार साध्वियों का अध्ययनार्थ पार्श्वनाथ विद्यापीठ में आगमन पार्श्वनाथ विद्यापीठ एवं वाराणसी जैन समाज के लिए यह हर्ष की बात है कि खरतरगच्छ-ज्योति परमपूज्या साध्वीवर्या श्रीचन्द्रप्रभाश्रीजी म०सा० की चार शिष्याएँसाध्वी संयमपूर्णाश्री जी, साध्वी रत्ननिधिश्री जी, साध्वी पुण्यनिधिश्री जी और साध्वी श्रद्धानिधिश्री जी म. सा. अध्ययनार्थ पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी पधार रही हैं। आप शिखरजी से चल कर फरवरी माह के प्रथम सप्ताह तक विद्यापीठ में पधारेंगी। ज्ञातव्य है कि दो साध्वीवृंद विश्व ज्योतिष विश्वविद्यालय से “जैन मन्दिर में वास्तुविज्ञान एवं शिल्प विज्ञान की अवधारणा" तथा "ज्योतिषशास्त्र में मुहूर्त विज्ञान की वैज्ञानिक अवधारणा" विषय पर पी-एच०डी० कर रही हैं। पार्थनाथ विद्यापीठ में मासिक एवं त्रैमासिक संगोष्ठी प्रारम्भ जैन धर्म, दर्शन, कला, इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व आदि विषयों में कार्यरत उदीयमान शोध-छात्रों एवं जैनविद्या में रुचि रखने वाले सुधीजनों हेतु पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने एक मासिक एवं त्रैमासिक संगोष्ठी सिरीज प्रारम्भ किया है। इस संगोष्ठी के माध्यम से शोध-छात्र अपनी शोध-पत्र लेखन कला/वाचन या वाक्कला में निपुणता ला सकेंगे । शोध-छात्रों द्वारा पठित स्तरीय शोध आलेखों को श्रमण (त्रैमासिक) शोध-पत्रिका में प्रकाशित किया जायेगा। शोध-पत्र का विषय चयन करने हेतु शोध-छात्र स्वतंत्र हैं किन्तु विषय जैनविद्या, बौद्ध धर्म-दर्शन या तुलनात्मक धर्म-दर्शन से सम्बन्धित ही होने चाहिये। यह संगोष्ठी प्रत्येक माह के प्रथम शनिवार को प्रात: १०.०० बजे से होनी निश्चित है। इस संगोष्ठी का प्रारम्भ दिनांक ८-१२-२००७ को हुआ। इस क्रम में प्रथम शोध आलेख संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय द्वारा 'जैन साहित्य और श्रीमद्भगवद्गीता' विषय पर प्रस्तुत किया गया। जिसमें डॉ. सुधा जैन, डॉ. विजय कुमार, श्री ओमप्रकाश सिंह,डॉ० राघवेन्द्र पाण्डेय, डॉ० अशोक कुमार सिन्हा, श्री संजय कुमार सिंह, डॉ. संजय कुमार पाण्डेय, डॉ० भूपेन्द्र शुक्ल, डॉ० शारदा सिंह, सुश्री प्रतिभा मिश्रा आदि ने संगोष्ठी में भाग लिया।
SR No.525062
Book TitleSramana 2007 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey, Vijay Kumar
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2007
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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