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श्रमण, वर्ष ५८, अंक १ जनवरी-मार्च २००७
तीस वर्ष और तीन वर्ष
स्व० डॉ० नंदलाल जैन*
एक विदेशी लेखक के अनुसार- संसार में दो ही धर्म ऐसे हैं जिनका संस्थापन या उद्भवकाल अज्ञात या अनादि माना जाता है - हिन्दु धर्म और जैन धर्म। संभवत: ये प्राक्-ऐतिहासिक हैं। इसके विपर्यास में विश्व के अधिकतम वर्तमान धर्मों के उद्भव और संस्थापक के विषय में पर्याप्त जानकारी है, जैसा कि सारणी-१ से ज्ञात होता है।
सारणी - १ - विभिन्न धर्मों का उद्भव और उनके संस्थापक क्र० धर्म संस्थापक
उद्भवकाल आदिम प्रस्तर अवतार । अनुयायी काल
मिलियन . १. जैन धर्म (वर्तमान में
२४ तीर्थंकर | १० पुनरुद्धारक, पार्श्वनाथ
और महावीर)
(५९९-५२७ BCE) २. | हिन्दू धर्म
२४ अवतार | १३०० | यहूदी धर्म | अब्राहम/मूसा -१२०० BCE -
१३ | बौद्ध धर्म | महात्मा बुद्ध
छठी सदी ४४ वर्ष २४ बुद्ध (५६०-४८० BCE) [ ई०पू० | ईसाई धर्म | जीसस क्राइस्ट प्रथम सदी ३१/२ वर्ष २४ स्थविर |३०००
(४ BCE-३०CE) | मुस्लिम धर्मा महात्मा मुहम्मद
६१०CE२२ वर्ष (५७०-६३२CE) ७. | सिक्ख धर्म | गुरुनानक
१५-१६००CE४० वर्ष (१४६९-१५३९CE) बहाई धर्म बहाउल्ला
१९वीं सदी
३० वर्ष | (१८२०-१८५०CE) * जैन सेंटर, १२/६४४, बजरंग नगर, रीवा-४८६००१
२०००
1२५००