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जैन जगत् : १५५
इस व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ० कमला जैन (पूर्व अध्यक्ष, दर्शन विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने कहा कि हमें आपसी भेद-भाव, पंथ, द्वेष, घृणा आदि को त्याग कर ऊपर उठने की आवश्यकता है। उन्होंने डॉ० शाह की भूरिभूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि आपने बड़े ही समिक्षित एवं तुलनात्मक ढंग से जैन, बौद्ध और वैदिक तीनों धर्मों में अनेकान्त पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारी निदेशक डॉ० बालाजी गणोरकर ने किया।
डॉ० सुधा जैन द्वारा साऊथ कोरिया के विद्यार्थियों को
प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षण
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के मालवीय भवन में योग-साधना केन्द्र के तत्त्वावधान में वांक्वांग डिजिटल विश्वविद्यालय, साऊथ कोरिया के ५१ छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों का दिनांक १५-१-२००७ से २७-१-२००७ तक योग शिविर आयोजित किया गया जिसमें डॉ० सुधा जैन, प्रवक्ता,
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी ने दिनांक १६-०१-२००७ से १८-०१-२००७ तक जैन साधना-पद्धति, प्रेक्षाध्यान का प्रायोगिक एवं सैद्धान्तिक प्रशिक्षण दिया। डॉ० जैन ने पार्श्वनाथ विद्यापीठ का परिचय देते हुये उन्हें प्रेक्षाध्यान का इतिहास, ध्यान की पूर्व तैयारी, कायोत्सर्ग, अन्तर्यात्रा, श्वासप्रेक्षा, चैतन्य-केन्द्र प्रेक्षा, ज्योति-केन्द्र प्रेक्षा तथा सम्पूर्ण कायोत्सर्ग के प्रयोग करवाये। डॉ० धूपनाथ प्रसाद की अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में नियुक्ति
- पार्श्वनाथ विद्यापीठ के 'अहिंसा, शांति-शोध व मूल्य शक्षा' के प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र डॉ० धूपनाथ प्रसाद की नियुक्ति वर्ष २००७ में वर्धा (महाराष्ट्र) स्थित महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के 'अहिंसा एवं शांति
अध्ययन' विभाग में प्राध्यापक के पद पर हुई है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से डॉ० प्रसाद की इस सफलता पर हार्दिक बधाई!
. वैशाली में विद्वद् संगोष्ठी सम्पन्न वैशाली (बिहार), महावीर जयन्ती एवं वैशाली महोत्सव के पावन प्रसंग पर ३१ मार्च, २००७ को प्राकृत जैनशास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान, वासोकुण्ड, वैशाली, जिला - मुजफ्फरपुर (बिहार) में 'श्री जगदीशचन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला'