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________________ श्रमण, वर्ष ५७, अंक ३-४ जुलाई - दिसम्बर २००६ अनेकान्तवाद एवं उसकी प्रासंगिकता डॉ० मनोज कुमार तिवारी* वर्तमान युग निर्विवाद रूप से विज्ञान का युग है। वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति ने मानव सभ्यता एवं संस्कृति को प्रभावित कर उसे नई दिशा दी है, उसे एक नया विश्व-दर्शन दिया है। किन्तु वर्तमान मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ अनेक समस्याएँ भी उत्पन्न हुई हैं। विज्ञान की प्रगति ने हमें नया जीवन अवश्य दिया है, परन्तु साथ ही साथ उसने आध्यात्मिक एवं नैतिक पक्ष को अवरुद्ध भी किया है। आज मानव ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहाँ एक ओर उसे मृत्यु का भय है तो दूसरी ओर शक्तिशाली बनने की प्रबल महत्त्वाकांक्षा । परिणामस्वरूप आज हम सामाजिक एवं राजनैतिक अव्यवस्था पाते हैं। इसने धार्मिक, नैतिक, सामाजिक और राजनैतिक जीवन को भी प्रभावित किया है। सभी जगह अव्यवस्था एवं विरोध का भाव देखा जाता है। इसका मुख्य कारण है - एक समन्वयवादी दृष्टिकोण का अभाव । जैनों के अनुसार एक ही वस्तु में भिन्न-भिन्न दृष्टिकोणों से अनन्त धर्मों की उपपत्ति हो सकती है तथा तद्वस्तु-विषयक सभी दृष्टिकोण प्रसंगानुसार अपनी-अपनी परिस्थिति में सत्य हैं। सब कुछ सदा सब जगह है। यद्यपि दूसरे जीवों के दृश्य जगत् का ज्ञान हमकों प्रायः नहीं होता तो भी यदि हम चाहें तो विश्व के समस्त पदार्थों का, सभी स्थानों का, सभी कालों में अनुभव कर सकते हैं, क्योंकि संसार के सभी पदार्थ ब्रह्ममय हैं और ब्रह्म सदा सब जगह पूर्ण रूप से विद्यमान है। योगवासिष्ठ के अनुसार ब्रह्म सब जगह है। इसलिए कहीं भी किसी वस्तु का उदय हो सकता है, और स्वप्न शक्ति द्वारा उसका अनुभव होता है । इसी प्रकार परम ब्रह्म जो सभी वस्तुओं का अंतिम स्वरूप है, में सदा ही, सब जगह, सर्वरूप से, सब कुछ वर्तमान रहता है। ब्रह्म में सब पदार्थ शक्ति-रूप से रहते हैं । जहाँ जिस पदार्थ के अनुभव की तीव्र भावना होती है, वहीं वह पदार्थ प्रकट हो जाता है।" यदि हम 'यह घट है', इस परामर्श * दर्शन एवं धर्म विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525059
Book TitleSramana 2006 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2006
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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