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________________ जैन जगत् : 217 वीर कुँअर सिंह विश्वविद्यालय, आरा द्वारा जारी अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार विद्वत् परिषद् के दिनांक 7.3.2005 के प्रस्ताव पर अभिषद् की बैठक ने दिनांक 7.1.2006 को निर्णय लिया कि मानविकी, समाज विज्ञान, वाणिज्य तथा विज्ञान संकाय में उत्तीर्ण स्नातकों को स्नातकोत्तर प्राकृत एवं जैन शास्त्र विभाग में नामांकन की स्वीकृति प्रदान की जाती है। श्री कृष्ण कुमार करण को पी-एच० डी० उपाधि श्री कृष्णकुमार करण, सहायक विज्ञान शिक्षक, क्षत्रिय उच्च महाविद्यालय, फतेहपुर, पटना को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा द्वारा उनके शोध-प्रबन्ध "अपभ्रंश-काव्य करकण्डचरिउ का सांस्कृतिक अध्ययन" पर पी-एच० डी० उपाधि प्रदान की गयी है। आपने अपना शोध-प्रबन्ध प्रो० रामजी राय, प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर प्राकृत एवं जैन शास्त्र बिभाग, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में पूरा किया। अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सम्मेलन में डा० सुदर्शन मिश्र पुरस्कृत सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में दिनांक 4-6 नवम्बर को आयोजित ४२वें आल इण्डिया ओरियेन्टल कान्फ्रेन्स में हजारों विद्वानों के साथ सहभागी डा० सुदर्शन मिश्र. प्रधानाचार्य, ब्रह्मर्षि सहजानन्द सरस्वती महाविद्यालय, बचरी-पीरो, (वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा) को उनके शोध-पत्र की उत्कृष्टता के आधार पर मुनि पुण्यविजय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। सम्मेलन के महासचिव ने उक्त पुरस्कार प्रमाण पत्र के साथ डा० मिश्र को प्रदान किया। ध्यातव्य है कि डा० मिश्र संस्कृत, प्राकृत एवं जैन दर्शनके सम्मानित विद्वान हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525059
Book TitleSramana 2006 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2006
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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