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________________ १२ : श्रमण, वर्ष ५७, अंक ३-४ / जुलाई-दिसम्बर २००६ 'उपदेशपद' के कर्ता आचार्य हरिभद्रसूरि 'उपदेशपद' के रचयिता आचार्य हरिभद्रसूरि बहुमुखी प्रतिभा के धनी आचार्य थे। इन्होंने साहित्य की विविध विधाओं में श्रेष्ठ साहित्य का प्रणयन किया। योग, दर्शन, अध्यात्म, आगम, सिद्धान्त, आचार, कथा और काव्य आदि विविध विधाओं में साहित्य का प्रणयन करके आपने प्राकृत एवं संस्कृत भाषा के साहित्य के विकास में महनीय योगदान दिया है। ये जन्मन: अद्वितीय प्रतिभा सम्पन्न ब्राह्मण विद्वान् थे और चित्तौड़ के राजा जितारि के राजपूरोहित थे। बाद में प्रसंगवश जैन साध्वी याकिनी महत्तरा के उपदेश से जैनधर्म में दीक्षित हुए। इनके दीक्षागुरु जिनदत्त थे। याकिनी महत्तरा को इन्होंने अपनी धर्ममाता माना और अपने को याकिनीसूनु कहा।' दीक्षा के बाद अपनी विद्वत्ता तथा विशुद्ध साधु आचार का पालन करने के कारण ये अपने आचार्य के पट्टधर आचार्य बने। इनका जीवन राजपुताना और गुजरात में विशेषरूप में व्यतीत हुआ। इनके द्वारा विरचित अधिकांश ग्रन्थों के अन्त में 'विरह' शब्द उपलब्ध होता है इसलिए विरहांक पद से प्रसिद्ध है। (भवविरहं = संसारोपरममिच्छताभिलषता) आचार्य हरिभद्र को १४४४ प्रकरणों का रचयिता माना जाता है। प्रबन्धकोश के कर्ता राजशेखर सूरि ने अपने प्रबन्ध-कोश में इनको १४४० प्रकरणों का रचयिता लिखा है, किन्तु इनमें से कुछ ही ग्रन्थ उपलब्ध हैं। इनकी उपलब्ध कृतियों का विवरण इस प्रकार है -- १. मूल ग्रन्थ १. धर्मसंग्रहणी, २. पंचाशकप्रकरण, ३. पंचवस्तुकप्रकरण, ४. धर्मबिन्दुप्रकरण, ५. अष्टकप्रकरण, ६. षोडशकप्रकरण, ७. सम्बोधप्रकरण, ८. उपदेशपद, ९. षड्दर्शन-समुच्चय, १०. अनेकान्तजयपताका, १२. अनेकान्तवाद प्रवेश, १३. लोकतत्त्वनिर्णय, १४. सम्बोध-सप्तति-प्रकरण, १५. समराइच्चकहा, १६. योगविंशिका, १७. योगदृष्टिसमुच्चय, १८. योगबिन्दु। २. टीकाग्रन्थ १. नन्दीसूत्र, २. पाक्षिक सूत्र, ३. प्रज्ञापनासूत्र, ४. आवश्यकसूत्र, ५. दशवैकालिकसूत्र, ६. पंचसूत्र, ७. अनुयोगद्वार, ८. ललितविस्तरा, ९. तत्त्वार्थ वृत्ति। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525059
Book TitleSramana 2006 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2006
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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