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श्रमण
अप्रैल-जून २००६ सम्पादकीय विषयसूची
हिन्दी खण्ड १. श्वेताम्बर आगम और दिगम्बरत्व -जस्टिस एम० एल० जैन २. प्राचीन भारत में आर्थिक विचार: जैन आगमों के परिप्रेक्ष्य में
-कु० रंजना श्रीवास्तव ३. जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में सांख्य का विकासवाद -डॉ० सत्यदेव मिश्र ४. बौद्ध भिक्षु संघ का विकास और नियम -डॉ० कमलेश दूबे ५. वैदिक और श्रमण परम्परा में अहिंसा -डॉ० रीता अग्रवाल
-डॉ० अनीता अग्रवाल ६. भारत की अहिंसक संस्कृति
-डॉ० ललिता शुक्ला
१-१४
१५-१९ २०-२६ २७-३४ ३५-४५
४६-५१
ENGLISH SECTION
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7. . The Role of Ahimsa in Health Care Ethics
-Prof. Cromwell Crawford 53-70 8. Medical Ethics in Ancient India - Swami Brhmeshanand 71-82 9. The Jaina Concept of Ahimsā and the Modern World
- Prof. V. V. Menon 83-89 10. Political Aspect of Non-violence
-Dr. B. N. Sinha 90-115. ११.जैन जगत्
११६-१२५ १२.साहित्य सत्कार
१२६-१३१ १३.सुरसुन्दरीचरिअं
-श्रीमद्धनेश्वर सूरि १३५-२१८
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