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________________ ९८ : श्रमण, वर्ष ५५, अंक १०-१२/अक्टूबर-दिसम्बर २००४ अहमदाबाद; प्राप्ति स्थान - आचार्यश्री विजयनेमिसूरि जैन स्वाध्याय मंदिर, १२, भरत बाग, जैन नगर, नवा शारदा मंदिर रोड, अहमदाबाद; आकार - डिमाई; पृष्ठ ४+९०; मूल्य - ५०/- रुपये मात्र। पुनीत प्रवज्याना पावन पथ, संपादक - आचार्य विजय योगतिलकसूरि जी म० सा०, प्रकाशक - संयम सुवासC/o सेठ जमनलाल जीवतलाल, जूनागंज बाजार, भाभर - ३८५३२०, गुजरात; प्रथम संस्करण वि०सं० २०६०; आकार - डिमाई; पृष्ठ - ४+४६; मूल्य - स्वाध्याय।। श्रीकल्पसूत्रम, महोपाध्याय धर्मसागरगणिविरचित किरणावलीवृत्ति युक्त; सम्पादक - मुनि वैराग्य रतिविजय एवं मुनि प्रशमरति विजयजी म.सा०; संशोधकआचार्य विजयदानसूरि; प्रकाशक - श्री झालावाड़ जैन श्वे० मूर्तिपूजक तपागच्छ संघ ट्रस्ट, सुरेन्द्रनगर, गुजरात के सहयोग से प्रवचन प्रकाशन, पूना; द्वितीय संस्करण वि०सं० २०५९; आकार - पोथी; पृष्ठ २४+४४४; मूल्य - १५०/- रुपया मात्र। तपा-खरतर भेद, विवेचक - मुनि हितवर्धन विजय गणि; प्रकाशक - कुसुम अमृत ट्रस्ट, शांतिनगर, अलकापुरी, वापी (वेस्ट) ३९६१९१; आकार - डिमाई; पृष्ठ १९२; पक्की बाइंडिंग; मूल्य - ५०/- रुपया मात्र। Jinendra Stavana (Sanskrit Invocatory Verses from Jaina Inscriptions of Karnataka), Editied by Prof. Nagarajaiah, Hampa; Published by National Institute of Prakrit Studies and Research, Dhavala Tirtham, Sravanbelagola - 573135, Dt. Hassan, Karnataka - INDIA, Size - Dimy, Pages xvi + 48, Ptales 8, Prise - Rs. 60/___अस्तित्त्व- परोढ (हृदय प्रदीप षट्त्रिंशिका पर स्वाध्याय), स्वाध्यायकर्ता - आचार्य यशोविजयसूरि, विजयप्रद्युम्नसूरि एवं विजयरत्नसुंदरसूरि; प्रकाशक - पावापुरीतीर्थधाम ट्रस्ट मंडल, पावापुरी तीर्थधाम (राजस्थान); प्राप्ति स्थान - ॐकार सूरि आराधना भवन, गोपीपुरा, सुभाष चौक, सुरत ३९५००१; आकार - डिमाई; प्रकाशन वर्ष - वि०सं० २०६०; प्रथम संस्करण; पृष्ठ - १२+३१६; मूल्य - ७०/- रुपया मात्र। जैन चित्रकल्पलता, संपा० और प्रकाशक - साराभाई मणिलाल नवाब, अहमदाबाद १९४० ईस्वी; आकार- रायल, पृष्ठ- ५६+ अनेक श्वेत-श्यामवरंगीनचित्र। नोट - यह दुर्लभ पुस्तक मुनिराज वैराग्यरतिविजय और मुनिराज प्रशमरतिविजय की प्रेरणा से शंखेश्वर पार्श्वनाथ आराधक ट्रस्ट की ओर से पार्श्वनाथ विद्यापीठ को प्राप्त हुई है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525054
Book TitleSramana 2004 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2004
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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